आगामी बजट में वित्त मंत्री किस क्षेत्र के लिए क्या घोषणाएं करेगी और क्या आम आदमी को महंगाई से राहत मिलेगी या करों का भर बढ़ेगा। फिलहाल यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है। जानकारों ने अपनी मांगें भी सरकार के सामने रखी हैं।
बाजार के विशेषज्ञों को उम्मीद है कि बजट में भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए ऐसे उपायों पर ध्यान दिया जाएगा जो समावेशी विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दर्शाते हैं। बजट में कृषि, एमएसएमई, घरेलू खपत और रोजगार सृजन को प्राथमिकता दिए जाने की उम्मीद है। जानकारों का अनुमान है कि घरेलू खर्च को बढ़ावा देने वाले उपायों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
बाजार को विशेषज्ञों की बजट से उम्मीद
श्रीराम एएमसी के वरिष्ठ फंड मैनेजर दीपक रामाराजू का कहना है कि जीडीपी की वृद्धि हाल ही में वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 7- तिमाही के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई है। उम्मीद है कि इसके लिए सरकार विकास को बढ़ावा देने वाली नीतियों को प्राथमिकता इस बजट में देगी। विशेषकर कम आय वाले लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकती है।
वहीं बजट में फोकस के प्रमुख क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास में निवेश, टिकाऊ ऊर्जा की पहल, विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा और रक्षा तथा रेलवे पर निरंतर खर्च शामिल होने की संभावना है। यह सभी क्षेत्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और एसएमई की मांग को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार इस बजट में स्वास्थ्य सेवा और आवास जैसे सामाजिक क्षेत्रों पर भी व्यय में वृद्धि, प्रत्यक्ष कर स्लैब और सरलीकृत कर सरंचना पर ध्यान के साथ डिस्पोजेबल आय में बढ़ोतरी कर सकती है।