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शतरंज ओलम्पियाड मशाल रिले के लखनऊ आगमन पर विधान भवन के सामने समारोह का आयोजन

  • मुख्यमंत्री ने 44वें शतरंज ओलम्पियाड मशाल रिले-2022 का स्वागत किया

  • शतरंज के 05 बार के विश्व विजेता ग्रैण्ड मास्टर विश्वनाथन आनन्द कार्यक्रम में सम्मिलित हुए

  • मुख्यमंत्री ने विश्वनाथन आनन्द के साथ चेस बोर्ड पर सेरेमोनियल मूव किया

  • प्रधानमंत्री जी ने 19 जून को नई दिल्ली में मशाल रिले का शुभारम्भ किया

  • प्रदेश के 09 शहरों का मशाल रिले के लिए चयन किया गया

  • Published by- @MrAnshulGaurav
  • Sunday, June 26, 2022

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज शतरंज ओलम्पियाड मशाल रिले-2022 के लखनऊ आगमन पर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए यह गौरव की बात है कि भारत को 44वें शतरंज ओलम्पियाड-2022 के आयोजन का अवसर प्राप्त हुआ है।

अन्तर्राष्ट्रीय चेस फेडरेशन-फिडे द्वारा 44वें शतरंज ओलम्पियाड प्रतियोगिता को भारत में दिनांक 28 जुलाई से 10 अगस्त, 2022 तक चेन्नई (तमिलनाडु) में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।

शतरंज ओलम्पियाड मशाल रिले के लखनऊ आगमन पर विधान भवन के सामने समारोह का आयोजन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शतरंज ओलम्पियाड मशाल रिले के आगमन पर यहां विधान भवन के सामने आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस आयोजन में ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनन्द भी सम्मिलित हुए। उन्होंने प्रदेश की जनता की ओर से शतरंज के 05 बार के विश्व विजेता ग्रैण्ड मास्टर विश्वनाथन आनन्द के प्रति हृदय से अभिनन्दन करते हुए कहा कि प्रदेश के 09 शहरों का मशाल रिले के लिए चयन किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विश्वनाथन आनन्द के साथ चेस बोर्ड पर सेरेमोनियल मूव भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत शतरंज की इस प्रतिष्ठित अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता की प्रथम बार मेजबानी कर रहा है। वर्ष 1927 से आयोजित इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की मेजबानी भारत में पहली बार और 03 दशक में एशिया में भी पहली बार आयोजित हो रही है। शतरंज खेल को बढ़ावा देने तथा इसके प्रचार-प्रसार हेतु इस वर्ष पहली बार फिडे ने शतरंज ओलम्पियाड मशाल की स्थापना की है, जो ओलम्पिक परम्परा का ही हिस्सा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत शतरंज ओलम्पियाड मशाल रिले आयोजित करने वाला पहला देश होगा। फिडे ने यह भी तय किया है कि प्रत्येक शतरंज ओलम्पियाड के लिए मशाल रिले भारत से ही शुरू हुआ करेगी। यह भारत के लिए गौरव की बात होगी कि जिस विधा का जन्म भारत में हुआ हो, 05 हजार वर्ष पुरानी जिसकी परम्परा रही हो, इस परम्परा के साथ जुड़ने का अवसर हम सभी को मिल रहा है। यह सम्मान न केवल भारत का सम्मान है, बल्कि हमारे देश की शतरंज की इस गौरवशाली विरासत का भी सम्मान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शतरंज ओलम्पियाड की यह मशाल रिले देश के सभी 36 राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों से गुजरेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 जून, 2022 को नई दिल्ली में इस मशाल रिले का शुभारम्भ किया। फिडे के अध्यक्ष अर्कडी ड्वोरकोविच ने प्रधानमंत्री को यह मशाल सौंपी थी, जिसे प्रधानमंत्री ने ग्रैण्ड मास्टर विश्वनाथन आनन्द को थमाया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब भारत अपनी आजादी के 75वें वर्ष का अमृत महोत्सव का आयोजन पूरे देश में कर रहा है, इस महोत्सव के अवसर पर शतरंज ओलम्पियाड मशाल 40 दिनों की अवधि में देश के 75 शहरों में जा रही है। यह मशाल रिले 25 जून, 2022 को हरिद्वार, उत्तराखण्ड से चलकर आज 26 जून को आगरा, कानपुर होते हुए प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंची है। 27 जून को अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज होते हुए 05 जुलाई को झांसी से गुजरेगी। शतरंज ओलम्पियाड की इस 14 दिवसीय प्रतियोगिता में दुनिया के 150 से अधिक देशों के खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के मेजबान होने के नाते महिला एवं पुरुष दोनों वर्गों में दो-दो ‘ए’ एवं ‘बी’ टीमों के 20 भारतीय खिलाड़ियों को प्रतिभाग करने का अवसर भी प्राप्त हो रहा है। भारत की 20 सदस्यीय टीम का मेन्टोर पांच बार के विश्व चैैम्पियन विश्वनाथन आनन्द को बनाया गया है। वर्तमान प्रदेश सरकार खिलाड़ियों को खेल के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराने एवं खेल के उन्नयन तथा खिलाड़ियों के विकास हेतु पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है, जिससे खिलाड़ी विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त कर खेल जगत में भी नई ऊँचाइयां प्राप्त कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शतरंज दो खिलाड़ियों के बीच खेला जाने वाला एक बौद्धिक एवं मनोरंजक खेल है। शतरंज व्यक्ति के धैर्य और उसके ध्यान को भी केन्द्रित करने की क्षमता विकसित करने की एक प्राचीन विधा है। शतरंज का खेल हमें अनुशासन भी सिखाता है और साथ-साथ धैर्य के साथ निर्णय की प्रतीक्षा के लिए भी हमें प्रेरित करता है। यह खेल निर्णय लेने एवं क्रिया-प्रतिक्रिया की आंकलन क्षमता में भी वृद्धि करता है। यदि हम में निर्णय लेने की क्षमता है, तो अपने जीवन में आगे बढ़ पाएंगे। अनिर्णय के कारण कभी-कभी जीती हुई बाजी भी हार जाते हैं। शतरंज हमारी बौद्धिक एवं निर्णय लेने की क्षमता को सामर्थ्य एवं शक्ति प्रदान करता है।

मुख्यमंत्री ने भारतीय शतरंज महासंघ के अध्यक्ष डॉ0 संजय कपूर सहित सभी पदाधिकारियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी ने ‘खेलो इण्डिया’ कार्यक्रम के माध्यम से खेल की विभिन्न प्रतियोगिताओं को ग्राम सभा स्तर से लेकर राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ाने के लिए प्रेरणा प्रदान की है, उत्तर प्रदेश सरकार निरन्तर इन सभी कार्यक्रमों के साथ जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि मशाल रिले के आयोजन के लिए शासन की ओर से पूर्ण सहयोग मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेश के विद्यार्थियों एवं युवा खिलाड़ियों को इसके माध्यम से अपने बौद्धिक विकास, मनोरंजन तथा खेल की विभिन्न विधाओं को अंगीकार करने का अवसर मिलेगा। कार्यक्रम को खेल एवं युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गिरीश चन्द्र यादव ने भी सम्बोधित किया। मशाल रिले के स्वागत समारोह के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। भारत में खेलों को बढ़ावा दिए जाने के सम्बन्ध में 02 लघु फिल्में भी प्रदर्शित की गईं।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव खेलकूद श्रीमती कल्पना अवस्थी सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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