अब शिक्षामित्र के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालकर ऐसे शिक्षा मित्र जिन्होंने टेट या सीटेट की परीक्षा आज तक उत्तीर्ण नहीं की है और जिनकी संख्या उत्तर प्रदेश में एक लाख से अधिक है और वह आज बेसिक स्कूलों में पढ़ा रहे हैं उन पर बहुत बड़ा संकट आने वाला है और ऐसे सभी शिक्षामित्र अब लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट से बाहर होंगे क्योंकि इस संबंध में रणनीतियां बनाई जा रही है और बहुत जल्द सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर दी जाएगी ।
उत्तर प्रदेश के डीएलएड अभ्यर्थी और b.ed अभ्यर्थी दोनों एक साथ मिलकर इस कार्य को सुप्रीम कोर्ट में करेंगे।
डीएलएड अभ्यर्थियों से भी बात हुई है उनका भी कहना है की बहुत जल्द शिक्षामित्र को भी बेसिक से हटाने का कार्य किया जाएगा क्योंकि यह अयोग्य शिक्षा मित्र आज सरकार के रहमों करम पर बेसिक स्कूल में पढ़ा रहे हैं।
जिस कारण नई शिक्षक भर्ती नहीं आ रही और उत्तर प्रदेश सरकार इन्हीं की संख्या को जोड़कर छात्र शिक्षक अनुपात बराबर बता रही है ।