दौसा जिले के आबकारी विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए लाखों रुपये की अंग्रेजी शराब जब्त की है. मंगलवार की रात दौसा जिले के धनावड रेस्ट एरिया में आबकारी विभाग की टीम ने एक यूपी नंबर के ट्रक को रोककर उसकी जांच की तो उसमें पंजाब निर्मित शराब भरी हुई थी जिसे अवैध रूप से गुजरात ले जाया रहा था.
दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस वे पर यह पहली बड़ी कार्रवाई है जिसमें आबकारी विभाग द्वारा 785 अंग्रेजी शराब की पेटियां बरामद की गई हैं.
आबकारी पुलिस के सीआई महेंद्र सिंह ने बताया कि विभाग को मुखबिर से सूचना मिली थी कि यूपी नंबर का एक ट्रक दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस वे से होकर दौसा की तरफ जा रहा है. सूचना मिलते ही आबकारी पेट्रोलियम ऑफिसर मेघराज शर्मा और फुलेरा के पीओ महेंद्र सिंह की टीम ने ट्रक को रुकवाकर इस पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया. इस दौरान आबकारी विभाग की टीम को देखकर ट्रक के चालक और खलासी मौके से फरार हो गए. हरियाणा और पंजाब से लाई जा रही अवैध शराब को गुजरात तक पहुंचाने के लिए तस्करों ने यह नया रूट खोजा है.
हाइवे पर चेकिंग न होने से बना तस्करी का रूट
आबकारी पुलिस के अनुसार आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए तस्करों ने शराब की तस्करी के लिए यह नया रूट बनाया है. क्योंकि दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेसवे पर चढ़ने के बाद आमतौर पर पुलिस, परिवहन और आबकारी विभाग द्वारा रोका-टोकी नहीं की जाती है जिसकी वजह से शराब तस्कर इस रास्ते को तस्करी के रूप में उपयोग करने लगे हैं. हालांकि बीती रात हुई कार्रवाई ने शराब तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया है.
गुजरात पहुंचते ही दोगुने हो जाते हैं शराब के दाम
गुजरात में शराबबंदी के चलते पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश से अवैध शराब की तस्करी का नेटवर्क राजस्थान से होते हुए गुजरात तक फैल गया है. आबकारी विभाग और पुलिस की नाक के नीचे से हर साल अवैध शराब से भरे सैकड़ों ट्रक गुजरात पार हो जाते हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि हरियाणा और पंजाब में निर्मित शराब की कीमत राजस्थान के मुकाबले बेहद कम है. ऐसे में शराब तस्कर बड़े पैमाने पर मुनाफा कमा रहे हैं.