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कृषि कानून के विरोध में आज किसानों की भूख हड़ताल, केजरीवाल भी रखेंगे उपवास

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे सभी किसानों ने आज सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल का ऐलान किया है।  गाजीपुर (दिल्ली-यूपी बॉर्डर) के लखीमपुर खीरी के एक किसान ने कहा कि, “जब हम अपनी गन्ने की ट्रालियों को मिलों में ले जाते हैं, तो ऐसा होता है कि हम 24 घंटे के लिए खाना छोड़ देते हैं। हम उपवास के लिए तैयार हैं।” इस बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है, वह किसानों के समर्थन में सोमवार को एक दिन का उपवास करेंगे।

बता दें कि गाजीपुर सीमा पर किसानों की तादाद बढ़ रही है, जबकि प्रदर्शनकारियों ने कड़ाके की सर्दी के मौसम में यहाँ रहना जारी रखा है।उपवास आज सुबह 8:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक रखा जाएगा। यहां के किसानों ने बताया कि उन्हें इस प्रकार से उपवास रखने की आदत है। कुछ किसानों ने यह भी कहा कि जब वे उपज बेचने जाते हैं, तो उन्हें एक या दो दिन भूखे ही रहना पड़ता है। बता दें कि धीरे-धीरे गाजीपुर सीमा पर किसानों की तादाद बढ़ रही है, जहां पहले राशन की सिर्फ दो से तीन टेंट हुआ करती थी, आज यहां कम से कम आठ से दस टेंट तक हो गए हैं।

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर कॉर्पोरेट क्षेत्र के पक्ष में काम करने का आरोप लगाते हुए दोहराया कि किसान तब तक आंदोलन ख़त्म नहीं करेंगे जब तक कि हाल ही में पारित कृषि क्षेत्र के तीन कानूनों को वापस नहीं लिया जाता। टिकैत ने कहा कि, ‘किसान यहां रहने के लिए पूरी तैयारी के साथ हैं। कानूनों के पास होने से पहले गोदामों का निर्माण पूरा होने से पता चलता है कि योजना कुछ और ही है। किसानों का नाम फाइलों पर है और फाइलों के अंदर, कागज़ात व्यापारियों के हैं।”

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