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चीन पर ट्रैन स्ट्राइक: रेलवे ने 44 वंदे भारत ट्रेनों के टेंडर को किया निरस्त

मेक इन इंडिया की दिशा में आगे बढ़ रही वंदे भारत सेमी हाई स्पीड ट्रेन के 44 कोचों के निर्माण से जुड़ी निविदा को रद्द कर दिया है। रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को देर रात को इस बारे में जानकारी दी है। पिछले साल  इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई की तरफ से निकली गयी इस निविदा में कुल छह कंपनियों ने हिस्सा लिया था, जिसमे से  एक चीनी संयुक्त उपक्रम भी शामिल था।

खबर के मुताबिक रेल मंत्रालय ने शुक्रवार (21 अगस्त ) को बताया है की पिछले महीने जब निविदा खोली गई तो चीनी संयुक्त उपक्रम सीआरआरसी पायनियर इलेक्टि्रक (इंडिया) लिमिटेड। इकलौती विदेशी कंपनी थी, जिसे यह टेंडर मिला था।  16-16 बोगियों वाली 44 ट्रेनों के निर्माण के लिए इलेक्टि्रकल उपकरणों की आपूर्ति के सिलसिले में निकाली गई इस निविदा में कुल छह कंपनियां दावेदारी थीं। चीनी संयुक्त उद्यम को 2015 में चीन की CRRC योंगजी इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड और गुरुग्राम स्थित पायनियर फिल-मेड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित किया गया था।

रेल मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा, सेमी हाई स्पीड वंदे भारत  44 ट्रेनों के निर्माण के लिए निकाले गए टेंडर को रद्द कर दिया है। एक हफ्ते के भीतर संशोधित सार्वजनिक खरीद (मेक इन इंडिया को प्राथमिकता देते हुए) के तहत नई निविदा जारी कर दी जाएगी। हालांकि, रेलवे मंत्रालय  ने टेंडर को रद्द किए जाने की वजह को स्पष्ट नहीं किया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रेलवे पूरी तरह घरेलू कंपनियों को टेंडर देने के पक्ष में है। जब उसे लगा कि परियोजना की दौड़ में चीनी कंपनी भी आगे जा सकती है तो उसने निविदा रद कर दी। टेंडर की दौड़ में सरकारी कंपनी भारत हैवी इलेक्टि्रकल्स लिमिटेड, भारत इंडस्ट्रीज संगरूर, इलेक्ट्रोवेव्स इलेक्ट्रॉनिक्स (पी) लिमिटेड, मेधा सर्वो ड्राइव्स लिमिटेड व पावरनेटिक्स इक्विपमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल थीं।

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