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लक्ष्य कार्यक्रम के तहत मूल्यांकन करने वाली टीम को दिया गया प्रशिक्षण

गया। लक्ष्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों का मूल्यांकन किया जा रहा है. इसके क्रम में मूल्यांकन करने वाली रीजनल कोचिंग टीम बनायी गयी है. शुक्रवार को बोधगया स्थित एक होटल में लक्ष्य कार्यक्रम के तहत रीजलन कोचिंग टीम के सदस्यों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. टीम को केयर इंडिया के एडवाइजर, क्वालिटी के डॉ हरीश नाडकर्णी तथा डॉ संजय दौलतराव ने प्रशिक्षण दिया।

स्वास्थ्य संस्थानों तथा अस्पतालों के मूल्यांकन के तकनीकी पक्ष पर हुई चर्चा

डॉ. संजय दौलतराव ने प्रशिक्षण के विषय में बताया कि लक्ष्य कार्यक्रम के तहत रिजनल कोचिंग टीम बनी है. इसमें मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक, क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन मैनेजमेंट यूनिट, केयर इंडिया तथा अन्य संस्थानों के मनोनीत सदस्य शामिल हैं. इस रीजनल कोचिंग टीम का उन्मुखीकरण किया गया है. उन्मुखीकरण के पश्चात टीम अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल तथा जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के विभिन्न विभागों का लक्ष्य के तहत मूल्यांकन कर इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंपेगी और गैप एनालिसिस कर भविष्य में कार्ययोजना तैयार की जायेगी।

मूल्यांकन के तकनीकी पक्ष पर हुई चर्चा: प्रशिक्षण के दौरान डॉ. हरीश नाडकर्णी ने लक्ष्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न श्रेणियों की चर्चा कर मूल्यांकन संबंधी विषयों पर विस्तार से चर्चा किया तथा प्रशिक्षुओं को मूल्यांकन के तकनीकी पक्ष की जानकारी दी. मौजूद प्रशिक्षओं द्वारा मूल्यांकन विधि को लेकर सवाल जवाब भी किये गये. लक्ष्य कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य संस्थानों का विभिन्न श्रेणियों में मूल्यांकन किया जाता है. इनमें आईसीयू, जांच घर तथा एक्सरे कक्ष की व्यवस्था, ब्लड बैंक, एंबुलेंस, डायलिसिस, दवाईयां व उपकरणों की साफ सफाई आदि श्रेणी शामिल हैं।

मातृ व शिशु मृत्यु दर को कम करने में मिलेगी मदद: प्रशिक्षण के दौरान मौजूद स्वास्थ्य विभाग, मगध प्रमंडल के क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक पीयूष रंजन ने बताया इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन लक्ष्य कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य संस्थानों तथा अस्पतालों के मूल्यांकन करने वाली रिजनल कोचिंग टीम के सदस्यों के लिए किया गया है. बिहार राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज के साथ वैसे स्वास्थ्य संस्थान जहां प्रसव की संख्या 100 से अधिक है, उन स्वास्थ्य केंद्रों को लक्ष्य सर्टिफिकेट के लिए चिन्हित किया गया है।

उन्होंने बताया प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रदेश में होने वाले मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना है. प्रशिक्षण के पश्चात संबंधित अस्पताल का स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तैयार चेकलिस्ट के आधार पर गैप एनालिसिस किया जाना है तथा समयबद्धता के साथ इसे दूर करने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने जानकारी दी कि मगध प्रमंडल के अतंर्गत अभी तक गया जिला में दो, नवादा में एक और औरंगाबाद में पांच स्वास्थ्य संस्थानों को लक्ष्य कार्यक्रम के तहत राज्य एवं भारत सरकार द्वारा सर्टिफिकेशन मिला है. प्रशिक्षण राज्य स्वास्थ्य समिति तथा केयर इंडिया के सहयोग से आयोजित किया गया है।

प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक मगध प्रमंडल पीयूष रंजन तथा केयर इंडिया गया के डीआरयू टीम लीडर शशिरंजन, अभिषेक रॉय, भारती पैकरा, अमेरंद्र तिवारी, डॉ नम्रता पाटलिया व अन्य प्रशिक्षु मौजूद थे।

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