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U.P Board टॉपर्स की नेट पर नहीं लोड हुई कापियां

U.P Board के टॉपर्स की कापियों को डिप्टी सीएम ने नेट पर डाउनलोड करने के लिए कहा था। लेकिन अभी तक कापियों के लोड न किये जाने से छात्रों और ​अभिभावकों ने नाराजगी जताई। यूपी बोर्ड की मॉडरेशन स्कीम को लेकर विवादों में फंसी यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के टॉपर्स की दस दस कापियों को नेट पर अपलोड करने की घोषणा से सरकार की किरकिरी हो रही है। डिप्टी सीएम का यह आदेश अधिकारियों और कर्मचारियों की हीलाहवाली का भेंट चढ़ गया।  यह केवल यूपी बोर्ड कापियों का ही हाल नहीं है। बल्कि यूपी के आलाधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यशैली का हाल है। आदेशों के बावजूद कहीं अधिकारी तो कहीं कर्मचारी जनता के साथ धोखा दे रहे हैं।

डिप्टी सीएम ने की थी घोषणा

यूपी बोर्ड टॉपर्स की कापियों को नेट पर डाउनलोड करने की डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा की घोषणा का अभी तक पालन नहीं किया गया। इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग अभी तक डिप्टी सीएम की घोषणा का संज्ञान लेने के बजाय अनदेखी करने में लगा है। डेढ़ महीने का समय बीतने के बावजूद अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। टॉपर्स छात्रों और अभिभावकों ने इस पर नाराजगी जताई है।

बोर्ड सचिव दे रही गोलमोल जवाब

यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव भी टापर्स की कापियां अपलोड किए जाने के सवाल पर गोलमोल जवाब दे रही हैं। उनका कहना है कि अभी बोर्ड में स्क्रूटनी का कार्य चल रहा है। उसके बाद कापियों को नेट पर सार्वजनिक करने का फैसला लिया जायेगा। वहीं अभिभावकों और छात्रों का कहना है कि टॉपर्स की कापियों का स्क्रूटनी से क्या मतलब है?

पहली बार सीसीटीवी की निगरानी में हुई परीक्षाएं

यूपी बोर्ड ने इतिहास रचते हुए पहली बार अप्रैल के महीने में 2018 का हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का रिजल्ट 29 अप्रैल को घोषित किया था। इस बार बोर्ड की परीक्षा पर सरकार की भी पैनी नजर थी। इसीलिए सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में बोर्ड परीक्षायें कराई गईं। इसके साथ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य भी सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में तय समय में पूरा किया गया।

 

 

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