रूस के हमले के बाद पहली बार यूक्रेन की विदेश मंत्री इमिने झापरोवा भारत के चार दिवसीय दौरे पर आ रही हैं। वह 9 अप्रैल से 12 अप्रैल तक भारत में रहेंगी। वह भारत के अधिकारियों के साथ यूक्रेन के हित और मौजूदा हालात को लेकर चर्चा करेंगी।
पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद भारत ने रूस के साथ व्यापार बंद नहीं किया था। भारत ने रूस से तेल की खरीद भी जारी रखी थी। भारत का बार-बार समर्थन मांगने पर भी तटस्थ रुख को देखते हुए यूक्रेन भड़क गया था और उसने अपने राजदूत को भारत से वापस बुला लिया था। उसके बाद से अब तक भारत में यूक्रेन राजदूत नहीं नियुक्त कर पाया है।
4 अक्टूबर को पीएम मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति से बात की थी और कहा था कि शांति के लिए हर प्रयास किया जाना चाहिए। बातचीत के जरिए ही युद्ध रुक सकता है। ऐसे में यूक्रेनी विदेश मंत्री का दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। इस दौरान भारत में फिर से राजदूत की नियुक्ति और करीबी बढ़ाने को लेकर चर्चा हो सकती है।
वह विदेश और संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्ष लेखी से भी मुलाकात करेंगी। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को एक साल से ज्यादा का वक्त हो गया है। इस बारे में भारत का रुख हमेशा से ही न्यूट्रल रहा है। यूएन के प्रस्तावों में वोटिंग के दौरान भी भारत दूरी बना लेता है। ऐसे में यूक्रेनी राष्ट्रपति अपना पक्ष रखकर भारत का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर सकती हैं।