अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मोहम्मद अली Jinnah की तस्वीर के बाद विवाद काफी बढ़ गया है। हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि एएमयू एक तरह से मिनी पाकिस्तान है। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर लगाना देश के महापुरुषों और सेना का अपमान है। उन्होंने कहा कि भले ही देश की आजादी में जिन्ना का योगदान रहा हो, लेकिन जिन्ना देश के बंटवारे और हिंदू-मुस्लिमों की मौत के जिम्मेदार हैं। जिसके बाद से अब तक देश में उनकी कहीं पर भी तस्वीर नहीं लगाई गई। लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी छात्रों को जिन्ना की तस्वीर लगाना और उसके बाद विवाद खड़ा करना एक तरह से देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने जैसा है। जिस पर रोक लगनी चाहिए।
मुस्लिम समुदाय Jinnah की तस्वीर के खिलाफ
देश में मुस्लिम समुदायों ने जिन्ना की तस्वीर को कभी स्वीकार नहीं किया। इसके साथ देश की आजादी में जिन्ना की सहभागिता जरूर थी। लेकिन देश और हिंदू-मुस्लिमों की मौत के जिम्मेदार जिन्ना ही थे। वहीं सहारनपुर के देवबंदी उलेमाओं ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए जिन्ना की तस्वीर को देश से बाहर करने के लिए कहा है। उलेमाओं का कहना है कि जिन्ना से देश की आजादी के बाद हमारे मुल्क से कोई लेना-देना नहीं है। देश के बंटवारे के बाद सारे मुद्दे ही खत्म हो गया थे। देवबंदी उलेमाओं ने नाराजगी जताते हुए कहा ये तो जुर्म साबित कर रहे हैं। इसमें हम समझते हैं कि यह ज्यादती हो रही है। मुल्क का बंटवारा तो हमारे ही मुल्क के लोगों के ही इमान और इशारे पर हुआ था। हमारे पंडित जवाहरलाल नेहरू इस बंटवारे के जिम्मेदार थे।
- हमारे मुल्क की राजनीतिक पार्टियां जिनके अपने खुद के फायदे थे।
- उन्होंने ही इसे अंजाम दिलाया, जैसे कांग्रेस।