Breaking News

तीन दिन पहले ही हो जाती उमेश पाल की हत्‍या, पुलिस को मिले कई सुराग

उमेश पाल की हत्या की साजिश बहुत पहले रची गई थी। माघ मेला से बाइक चोरी की गई। कार भी सेटिंग से हासिल की गई। अभी तक पकड़े गए आरोपियों के बयान के आधार पर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तो इसके प्रमाण भी मिल गए।

उमेश पाल की 21 फरवरी को ही कचहरी के बाहर हत्या करनी थी लेकिन पुलिस की मौजूदगी के कारण उनके नापाक इरादे सफल नहीं हो सके। सीसीटीवी फुटेज में आरोपियों की तस्वीरों से पुलिस अन्य संदिग्धों का पता लगा रही है।

बताया जा रहा है उमेश पाल की हत्या की जिम्मेदारी अतीक ने अपने छोटे भाई बरेली जेल में बंद अशरफ को दी थी। अशरफ ने 11 फरवरी को बरेली जेल में हत्या की साजिश रची थी। अशरफ के आदेश पर शूटरों ने 14 फरवरी को उमेश पाल को मारने की असफल कोशिश की। दूसरी कोशिश 18 फरवरी को की गई लेकिन उस दिन शिवरात्रि होने के चलते उमेश पाल के घर के बाहर वाली गली में ज्यादा भीड़ थी, ऐसे में शूटर लौट आए। तीसरी कोशिश 21 फरवरी को कचहरी के बाहर हत्या की हुई लेकिन कारगर न होने पर आखिरकार 24 फरवरी को उमेश पाल समेत तीन की हत्या कर दी गई।

उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने के आरोपी सदाकत की गिरफ्तारी और पुलिस मुठभेड़ में मारे गए अरबाज व विजय चौधरी के मोबाइल की कॉल डिटेल तथा चैटिंग से पुलिस को पता चला था कि 21 फरवरी को ही उमेश पाल की हत्या का प्लान था। हत्यारोपी कचहरी के बाहर ही उमेश को उसी दिन मारने वाले थे। इस तथ्य की पुष्टि के लिए पुलिस ने कचहरी चौराहे पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली।

पुलिस को कचहरी से लेकर पूर्व एसएसपी कार्यालय तक क्रेटा कार घूमती हुई नजर आई। बाइक सवार भी वहां मौजूद थे। पुलिस को यह भी पता चला है कि वहां पर उसी क्रेटा कार से आरोपी पहुंचे थे, जो उमेश पाल की हत्या में इस्तेमाल हुई थी। कार से उतरने वाले और वहां घूमने वाले लोगों की पहचान की जा रही है। इससे पुलिस को काफी अहम सुरग हाथ लगे हैं।

 

About News Room lko

Check Also

20 की रफ्तार से चलानी थी कर्नाटक संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, स्पीड कम करना भूले लोको पायलट, हुए निलंबित

नई दिल्ली:  कर्नाटक संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के लोको पायलट और सहायक लोको पायलट ने गति ...