लखनऊ। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा अपने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) एप्लीकेशन में एक्सेसिबिलिटी फीचर का आरंभ किया गया है, जिसे व्यापक रूप से डिजिटल रुपी (E₹) के रूप में जाना जाता है। यूनियन बैंक इस तरह की समावेशी पहल प्रदान करने वाला सार्वजनिक क्षेत्र का पहला बैंक है, जिसके माध्यम से वित्तीय समावेशन और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए बैंक अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी और विनियमित डिजिटल रुपी, फ़िएट करेंसी का एक डिजिटल रूप है जो वॉलेट-आधारित लेनदेन, यूपीआई क्यूआर कोड के साथ अंतर-संचालन, ऑटो-लोड कार्यक्षमता और रीयल-टाइम निपटान को सुलभ बनाता है।
नए एक्सेसिबिलिटी फीचर इस क्रांतिकारी उत्पाद की पहुंच को दिवयांगजनों तक बढ़ाते हैं, जिससे उपयोगकर्ता को इसे अपनाने में सरलता होती है। इसे अधिक एक्सेसिबल और इसके माध्यम से दृष्टिबाधित व्यक्तियों को सशक्त बनाने के लिए, यह सुविधा उन्हें सीबीडीसी वॉलेट को सरलता से डाउनलोड करने और नेविगेट करने में सहायता करेगी। प्रमुख संवर्द्धन में शामिल हैं वॉयस-ओवर संगतता जो उचित रूप से लेबल किए गए एप्लिकेशन एलिमेंट के साथ सूचनात्मक स्क्रीन रीडिंग एक सहज अनुभव सुनिश्चित करती है।
साथ ही इसमें जेस्चर-आधारित नेविगेशन है जो स्वाइप-टू-नेविगेट और डबल-टैप-टू-सिलेक्ट जैसे सरल जेस्चर करेंसी चयन सहित ऐप के साथ कुशल इंटरैक्शन को सक्षम करते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें मौजूद है प्लेटफ़ॉर्म संगतता जो आईओएस और एंड्रोइड दोनों डिवाइस पर पूरी तरह कार्यशील है।
प्रबंध निदेशक एवं सीईओ एo मणिमेखलै ने बताया: “यूनियन बैंक ऑफ इंडिया वित्तीय समावेशन और नवाचार को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे डिजिटल रुपी एप्लिकेशन में एक्सेसिबिलिटी सुविधाएं पेश करके, हम बाधाओं को तोड़ रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि अत्याधुनिक तकनीक के लाभ सभी के लिए उपलब्ध हों।”