अयोध्या। सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अयोध्या में सुग्रीव किले के भव्य श्री राजगोपुरम द्वार का अनावरण किया। इस अवसर पर देशभर से आए साधु-संतों को संबोधित करते हुए उन्होंने अयोध्या की पौराणिक और ऐतिहासिक महत्ता की चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो काम 500 साल से रुका हुआ था, जिसके लिए न जाने कितनी पीढ़ियां बलिदान हो गईं, वो केवल सनातनियों के एकजुट होने मात्र पर पीएम मोदी के नेतृत्व में दो वर्ष में ही पूरा हो गया। अगर 500 साल पहले हमने एकता दिखाई होती, तो गुलामी का सामना नहीं करना पड़ता।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी स्मृतियां हमें समाज को सही दिशा में आगे बढ़ाने की प्रेरणा देती हैं। जब भी हम एकता का परिचय देंगे, तो दुनिया की कोई ताकत हमें कमजोर नहीं कर सकेगी। मुख्यमंत्री ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण को पीढ़ियों के संघर्ष का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि 500 साल का लंबा इंतजार समाप्त हुआ है।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में रामलला को उनके भव्य मंदिर में विराजमान करने का सपना पूरा हुआ है। उन्होंने सनातन धर्मावलंबियों की एकता को इस सफलता का आधार बताया। सीएम ने की समाज को बिखराव से बचने की अपील किया।
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मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन में धर्म और समाज को कमजोर करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कोई भी समस्या जो समाज और राष्ट्र को कमजोर करती हो, हमें उससे खुद को अलग करना होगा। ऐसे तत्वों को बेनकाब कर समाज से अलग-थलग करना धर्म का कार्य होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुग्रीव किला का संबंध देवरहा बाबा से भी रहा है। उन्होंने बताया कि यह स्थल श्रीराम के वनवास काल से जुड़ा है, जब भरत जी ने इसे श्रीराम के निवास के लिए तैयार किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले इस किले तक पहुंचने का मार्ग संकरा था, लेकिन अब इसे चौड़ा और सुगम बना दिया गया है। उन्होंने इसे अयोध्या के विकास की एक महत्वपूर्ण कड़ी बताया। योगी ने कहा कि अयोध्या अब न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक वातावरण का केंद्र है, बल्कि विश्व की सबसे सुंदर नगरी के रूप में भी विकसित हो रही है।
योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के विकास की योजनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि यहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन चुका है, जो अयोध्या को वैश्विक स्तर पर जोड़ने में मदद करेगा। उन्होंने अयोध्या को विश्व की सबसे सुंदर नगरी बनाने का संकल्प दोहराया और इसे अयोध्यावासियों की जिम्मेदारी बताया कि वे इस धरोहर को सुरक्षित और संरक्षित रखें। मुख्यमंत्री ने अयोध्या के विकास के साथ अन्य धार्मिक स्थलों के कायाकल्प की भी बात कही। उन्होंने कहा कि संतों के मार्गदर्शन में अयोध्या को श्रीराम के आदर्शों वाली नगरी के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने संत पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज के योगदान का भी उल्लेख करते हुए उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त किया।
इस अवसर पर जगद्गुरू रामानुजाचार्य पूज्यस्वामी विश्वेशप्रपन्नाचार्य महाराज, श्रीरंगम से पधारे संतजन, हनुमानगढ़ी के महंत धर्मदास महाराज, महंत रामलखन दास, महापौर गिरीशपति त्रिपाठी सहित पूज्य संतजन एवं अन्य गणमान्य मौजूद रहे।
रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह