लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों के प्रति गहरी चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि भाजपा की झूठी आंकडेबाजी वाली डबल मोटर की सरकारों ने प्रदेश की जनता को कोरोना वियश्विक महामारी के भी झूठे आकडे़ प्रस्तुत कर धोखा देकर जनता की पीठ में छूरा घोपने का काम किया है।
प्रदेश सरकार पर लोगों के जीवन से खेलने का आरोप लगाते हुये कहा कि कोरोना जैसी भयावह महामारी जिससे एक देश ही नहीं पूरा विश्व तबाह है। उसके आकडे भी आईसीएमआर रिपोर्ट के अनुसार सरकार द्वारा छिपाये गये हैं। मई के महीने में जब संक्रमित मरीजों का आकड़ा एक लाख बताया जा रहा था उसी समय भारतीय चिकित्सा अनुंसधान परिषद की तरफ से कराये गये सीरो सर्वे के मुताबिक मई के शुरू में ही देष भर में संक्रमितों की संख्या 64 लाख को भी पार चुकी थी।
रिपोर्ट के मुताबिक एक पाॅजीटिव व्यक्ति से कोरोना का वायरस 82 से 130 लोगों में पहुंच रहा था। आईसीएमआर द्वारा यह सर्वे 11 मई से 04 जून के बीच कराया गया। इस सर्वे के अनुसार आज कोरोनो संक्रमितों की संख्या कई करोड हो चुकी है। अप्रैल का महीना सम्पूर्ण लाॅकडाउन का महीना था और उसी लाॅकडाउन में संक्रमितों की संख्या 64 लाख पार कर जाना आष्चर्यजनक होने के साथ साथ सरकार की गम्भीर लापरवाही का द्योतक है।
15 मई के पश्चात लगातार अनलाॅक करते हुये प्रत्येक क्षेत्र में लगातार छूट दी गयी तथा संक्रमण की परवाह न करते हुये फैक्ट्रिया, बाजार, मदिरालय, रेस्टोरेंट तथा सार्वजनिक आवागमन के साधन इत्यादि की छूट दे दी गयी तथा संक्रमण की जांच और इलाज की समुचित व्यवस्था में लगातार असावधानी एवं लापरवाही का परिचय सरकार द्वारा दिया गया है जिसका परिणाम यह है कि आज अकेले प्रदेश की राजधानी में 10 हजार पाॅजीटिव मरीज है परन्तु कोविड-19 अस्ततालों में उनके लिए बेड, वेंटिलेटर और दवा इलाज की समुचित व्यवस्था नहीं है। राजधानी में ही कोरोना के साथ स्वाइन, डेंगू अपने पैर पसारने लगा है और 66 मरीज स्वाइन फ्लू के भी हो चुके है लेकिन प्रदेश सरकार केवल अपनी टीम-11 के साथ बैठके करने में मस्त है। प्रदेश के मुख्यमंत्री आज भी अपनी समीक्षा बैठक में लखनऊ में संक्रमण रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाने की बात कर रहे हैं, जबकि इसी प्रकार की प्रभावी योजना वह पिछले 6 माह से बना रहे हैं।