मुंबई डिवीजन का नवापुर रेलवे स्टेशन अपनी भौगोलिक स्थिति के लिए जाना जाता है. दरअसल जब यह स्टेशन बनाया गया था, तब महाराष्ट्र और गुजरात का बंटवारा नहीं हुआ था. उस समय यह बाम्बे प्रेसीडेंसी में आता था. बाद में जब अलग गुजरात राज्य का गठन हुआ है तो महाराष्ट्र और गुजरात की सीमा रेखा स्टेशन के बीचो-बीच गुजरी.
इस स्टेशन पर दशकों पुराना लकड़ी का एक बेंच पड़ा हुआ है, उस पर भी गुजरात और महाराष्ट्र का बार्डर बना हुआ है. बेंच की बायीं तरफ का हिस्सा महाराष्ट्र में है, जहां शराब बंदी नहीं है. मतलब वहां आप शराब की बोतल लेकर आएंगे तो दिक्कत नहीं है. लेकिन जैसे ही दाहिनी तरफ, मतलब गुजरात वाले हिस्से में बैठेंगे तो पुलिस पकड़ कर जेल भेज सकती है, क्योंकि गुजरात में शराब बंदी है.
स्टेशन के बीचो-बीच दो राज्यों की सीमा रेखा गुजरने की वजह से नवापुर रेलवे पर पुलिस स्टेशन, रिफ्रेशमेंट रूम, बुकिंग काउंटर आदि महाराष्ट्र के नंदूरबार जिले के नवापुर में आते हैं. जबकि स्टेशन मास्टर का कमरा, पैसेंजर्स वेटिंग रूम, शौचालय आदि गुजरात राज्य के तापी जिले के उच्छल में पड़ता है.
इस स्टेशन पर जब कोई ट्रेन आती है और रुकती है तो इसका पूरा हिस्सा एक राज्य में नहीं पड़ता. सूरत-भुसावल लाइन पर स्थित इस स्टेशन पर यदि ट्रेन भुसावल की ओर जा रही है तो इंजन महाराष्ट्र में जबकि गार्ड डिब्बा गुजरात में रहता है. यदि ट्रेन सूरत की तरफ जा रही है तो इंजन गुजरात में रहती है तो गार्ड वाला डिब्बा महाराष्ट्र में.