लखनऊ। प्रदेश में इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट में दाखिले के लिए होने वाली UPSEE यूपीएसईई 2018 परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया जाएगा। अब सभी पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षा ऑफलाइन होगी। अभी तक बीटेक व बीफार्मा को छोड़कर सभी पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षा ऑनलाइन होती थी।
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UPSEE समिति ने इस प्रस्ताव को
यूपीएसईई UPSEE समिति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जल्द ही इस प्रस्ताव पर कंबाइंड एजुकेशन बोर्ड की बैठक में मुहर लग जाएगी। बता दें कि एकेटीयू हर साल यूपीएसईई की परीक्षा आयोजित करता है। करीब छह सौ संस्थानों की डेढ़ लाख सीटों पर इस परीक्षा के जरिए दाखिले होते हैं।
इस बारे में यूपीएसईई के कोर्डिनेटर प्रो. विनीत कंसल ने बताया कि अभी तक बीटेक व बीफार्मा में ऑफलाइन परीक्षा होती थी, जबकि अन्य सभी कोर्सों में दाखिले ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा के जरिए होते थे। अब इन पाठ्यक्रमों की भी परीक्षा ऑफलाइन होगी।यूपीएसईई की परीक्षा तीन चरणों में होती है।
इसमें परीक्षा समिति पाठ्क्रमों के अनुसार अलग-अलग दिन व समय तय करती है। पर अब ऐसा नहीं होगा। प्रो. कंसल ने बताया कि एक से दो दिनों के भीतर परीक्षा पूरी करवाने की योजना बनाई जा रही है। कौन-कौन से पेपर कम किए जा सकते हैं और सिलेबस में क्या बदलाव संभव है, उस पर विचार चल रहा है। इस तरह से प्रवेश परीक्षा थोड़ी आसान हो सकती है।
ऑनलाइन परीक्षा के लिए कम्प्यूटर लैब
प्रो. विनीत कंसल ने बताया कि ऑनलाइन परीक्षा के लिए कम्प्यूटर लैब या सेंटरों को केंद्र बनाया जाता है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में इसकी कमी रहती है। प्रो. कंसल का मनना है कि अगर ऑफलाइन परीक्षा होगी तो ग्रामीण क्षेत्रों के परीक्षार्थियों को काफी सहूलियत होगी। इसलिए यह बदलाव किया जा रहा है।दरअसल बीटेक में सबसे अधिक आवेदन आते हैं। वहीं एमबीए सहित अन्य सभी पाठ्यक्रमों में तीस फीसदी भी आवेदन नहीं आ पाते हैं। यही वजह है कि पिछले वर्षों से पचास फीसदी से अधिक इंजीनियरिंग व मैनेजमेंट संस्थानों की खाली रह जाती है। इस सत्र में यूपीएसईई से डेढ़ लाख में से केवल 29 हजार सीटें भरीं थीं। इस स्थिति में विवि प्रशासन को संभावना है कि यदि ऑफलाइन परीक्षा होगी तो शायद अधिक दाखिले होंगे। हालांकि यूपीएसईई-2019 में इसका परिणाम सामने आएगा।