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शातिर नसीर

गोरखपुर। सोनौली बॉर्डर पर पकड़ा गया संदिग्ध कहने को तो फेरी लगाकर कश्मीरी शाल बेचने का काम करता है। लेकिन इसकी आड़ में वह आतंकियों के लिए महफूज ठिकाना भी तलाशता था। नसीर इतने शातिर तरीके से काम करता था कि किसी को भनक तक नहीं लगती थी। 2002 में कश्मीर के एक गांव डंडीवाल कुलगाम में 16 आतंकियों के रहने की खातिर सुरक्षित ठिकाना इसी ने तलाशा था। इस जगह से भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा भी सुरक्षा बलों ने बरामद किया था।
इस काम के लिए वह अपने तीन अन्य साथियों की मदद भी ली थी। आतंकियों के छिपने वाले ठीकाने बनाने में माहिर नासीर ने कई बार अपने काम को सफलता पूर्वक अंजाम दिया है। सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ में पता चला है कि उसने आईएसआई के कैंप में आतंकी प्रशिक्षण भी लिया है।
बता दें कि शनिवार की देर शाम सोनौली बॉर्डर पर एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया था। संदिग्ध की पहचान जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के डोलीगांव के रहने वाले नसीर अहमद के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि नसीर प्रशिक्षण प्राप्त आतंकवादी है। सन 2000 के आसपास वह कश्मीर में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकी समूहों के संपर्क में आ गया था। उसने बाकायदे पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी प्रशिक्षण लिया। पाकिस्तान में ही रहते हुए उसने पाकिस्तानी लड़की से निकाह कर ली। सुरक्षा एजेंसियां अब पूछताछ में जुटी हैं कि उसका इरादा क्या था। हालांकि वह जम्मू-कश्मीर सोनौली के रास्ते जाने की बात कर रहा था।
बता दें कि देर रात से ही सुरक्षा एजेंसियां नसीर  से पूछताछ कर रही हैं। आज उसे महराजगंज के स्पेशल कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा।

रिपोर्ट: रंजीत जयसवाल

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