लहरपुर/गोरिया। पिछले माह 8 अप्रैल को प्रशासन द्वारा अवैध तरह से चल रही कबाड़ियों की दुकान को उखाड़ फेंका था, फिर भी कबाड़ियों के हौसले इस कदर बुलंद है कि उनमें पुलिस का रत्ती भर भी खौफ नहीं है। जिसके चलते अतिक्रमणकारियों ने दो सप्ताह के बाद ही उन्होंने फिर से उसी जगह पर अतिक्रमण फैला रखा है। आए दिन यहां रोड पर जगह कम हो जाने से दुर्घटना होती रहती है। साथ ही हर समय बड़ी दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है। भले ही कबाड़ का यह कारोबार लाइसेंस लेकर चलाया जा रहा है लेकिन असली लाइसेंस की आड़ में पैसे कमाने की चाहत रखने वाले कबाड़ी चोरी के वाहनों को कौड़ियों के भाव खरीदने से भी नही हिचकते। इसकी बड़ी वजह है कि पुलिस कि उन पर मेहरबानी। इसी मेहरबानी को वजह से कबाड़ का धंधा करने वाले लोग चोरी की बाइकों से लेकर लग्जरी कारों को खरीदने में गुरेज नहीं करते।
लहरपुर तंबौर मार्ग पर कबाड़ियों के खड़े सैकड़ों वाहन इस व्यवसाय की कहानी बयां करने के लिए काफी हैं।कबाड़ का कारोबार करने वाले लोगो के पास भले ही इसका लाइसेंस है परन्तु वो इसकी आड़ में चोरी की गाड़ियां खरीदने कर उन्हें काटने का कारोबार भी कर रहे हैं।
कहने को तो इस गोरखधंधे को रोकने की जिम्मेदारी लहरपुर कोतवाल योगेश शाह की है,लेकिन जानबूझकर वो इन सब से अंजान बने हुए हैं।गाड़ी की खरीद-फरोख्त के नाम पर चोरी की गाड़ियों को खरीदना व महज कुछ घंटों में उसे काट कर उसके पुर्जों को एक एक अलग कर उन्हें अपने मनमाफिक दामों पर बेचा जाता है। अगर सुत्रों की माने तो इस कमाई का एक मोटा हिस्सा पुलिस तक भी पहुंच रहा है।शायद इसी वजह से दोबारा पनप रहे इस कबाड़ के कारोबार पर कोई हाथ डालने को तैयार नही है।
शाम होते ही जैसे जैसे अंधेरा बढ़ता है यहां दोपहिया,चार पहिया वाहन आने शुरू हो जाते हैं और कुछ समय में उन्हें काटकर कबाड़ बना दिया जाता है। चोरी के वाहनों से हो रही काली कमाई से जब पुलिस वालों की जेब गर्म हो रही हैं तो इसपर लगाम लगाने वाला कौन होगा!!!
रिपोर्टः एहतिशाम बेग