Breaking News

सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही के खिलाफ विजिलेंस जांच के लिए सतर्कता अधिष्ठान ने एक्टिविस्ट उर्वशी से मांगा शपथपत्र

लखनऊ। यूपी के सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही पर सतर्कता यानि कि विजिलेंस जांच की तलवार लटक गई है. विजिलेंस जांच की यह तलवार कच्चे धागे से बंधी है जो कभी भी शाही पर गिर सकती है. दरअसल यह धागा एक शपथपत्र है जिसे देने के बाद शाही के खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू हो जायेगी.

दरअसल लखनऊ निवासी समाजसेविका उर्वशी शर्मा ने यूपी के सीएम को शिकायत भेजकर हर्षवर्धन शाही पर आरोप लगाया है कि शाही निजी लाभ कमाने के लिए सूचना छुपाने वाले जनसूचना अधिकारियों को संरक्षण दे रहे हैं और सूचना कानून की धारा 18 की शिकायतों को व्यर्थ करार देते हुए बल्क में कानूनसम्मत रूप से सुने बिना ही निस्तारित कर रहे हैं. बकौल उर्वशी शाही सूचना नहीं देने वाले जन सूचना अधिकारियों के इतने हमजोली हो गए हैं कि जनसूचना अधिकारियों को बुलाये बिना ही शिकायतों को ख़त्म कर रहे हैं.उर्वशी ने अपनी शिकायत में कहा है कि मांगी गई सूचनाओं से जो अनियमितताएं,घोटाले,भ्रष्टाचार उजागर होने थे उनसे प्रभावित पक्षों से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ लेकर शाही ने आय से अधिक संपत्तियां अर्जित कीं हैं और इसीलिए उर्वशी ने शाही द्वारा काले धन से आय से अधिक संपत्तियां अर्जित करने के मामले में खुली सतर्कता जांच कराने की मांग की थी.

उर्वशी का कहना है कि यह एक स्थापित विधि है कि किसी कानून को बनाते समय संसद एक शब्द भी व्यर्थ नहीं लिखती है लेकिन भ्रष्टाचार में गहरे से लिप्त हो चुके शाही खुद को संसद से ऊपर मानते हुए आरटीआई कानून की धारा 18 को व्यर्थ करार दे रहे हैं और ऐसा करने के लिए न्यायालयों के आदेशों की मनमानी व्याख्याएं तक कर रहे हैं.

उर्वशी बताती हैं कि उन्होंने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की थी जिन्होंने यह शिकायत उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान के लखनऊ सेक्टर को भेज दी थी. सतर्कता अधिष्ठान के पुलिस उपाध्यक्ष ने लिखा है कि क्योंकि उर्वशी की शिकायत कार्मिक विभाग के शासनादेश के अनुसार शपथ पत्र पर नहीं है इसीलिए इस शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती है.

बताते चलें कि यूपी के कार्मिक विभाग के इस शासनादेश के अनुसार सरकारी सेवकों के खिलाफ शिकायतें प्राप्त होने पर शिकायतकर्ता से शपथ पत्र के माध्यम से शिकायत की पुष्टि कराने और शपथ पत्र पर साक्ष्य देने का नियम बनाया गया है.

उर्वशी ने बताया अनेकों आरटीआई प्रयोगकर्ताओं ने उनको शाही के खिलाफ सबूत दिए हैं और उनके खुद के मामलों से सम्बंधित प्रचुर प्रमाण उनके पास उपलब्ध हैं जिनको वे शपथपत्र के माध्यम से सतर्कता अधिष्ठान को भेजकर सूचना आयुक्त शाही की चल व अचल संपत्तियों की खुली सतर्कता जांच कराएंगी.

उर्वशी ने सूबे के सभी आरटीआई प्रयोगकर्ताओं से अपील की है कि यदि उनके पास किसी भी सूचना आयुक्त के खिलाफ कोई भी प्रमाण हों तो वे उन्हें उनके ईमेल upcpri@gmail.com अथवा व्हाट्सएप नंबर 8081898081 पर भेजें ताकि सभी मामलों को जनहित याचिका के रूप में उच्च न्यायालय ले जाकर सूचना कानून की मंशा के खिलाफ काम करने वाले शाही जैसे सूचना आयुक्तों पर नकेल कसी जा सके.

About Samar Saleel

Check Also

सनातन की ज्योत जगाने आया ‘सनातन वर्ल्ड’ यूट्यूब चैनल’

मुंबई। सनातन वर्ल्ड’ यूट्यूब चैनल (Sanatan World YouTube channel) सत्य सनातन हिन्दू धर्म के मूल ...