बिहार-बंगाल सीमा में छापेमारी की दौरान अपराधियों द्वारा एक थानेदार की हत्या कर दी गई है. बताया जा रहा है कि किशनगंज नगर थाने के एसएचओ अश्विनी कुमार अपनी टीम के साथ एक लूट कांड के मामले में छापेमारी करने गए थे. इसी दौरान हिंसक भीड़ ने उन्हें पीटकर मार डाला. इस मामले में डीजीपी एसके सिंघल ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी से बात की है. डीजीपी ने बताया कि उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली है. उन्होंने घटना को दुखद बताते हुए कहा कि शहीद इंस्पेक्टर के परिजनों को मदद दी जाएगी.
घटना के बारे में डीजीपी ने बताया कि पुलिस इंस्पेक्टर अश्वनी कुमार लूट कांड के सिलसिले में छापेमारी करने गए थे. अपराधियों का कनेक्शन सीमावर्ती पश्चिम बंगाल के क्षेत्र से होने की जानकारी पर उन्होंने पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर जिले के पांजीपाड़ा थाने को सूचना देने के बाद छापेमारी शुरू की. इसी दौरान पंजीपाड़ा थाने के पनतापाड़ा गांव में भीड़ ने अपराधियों के बचाव में पुलिस पर हमला कर दिया. आरोप है कि पश्चिम बंगाल की पुलिस ने सूचना के बावजूद बिहार पुलिस की टीम को कोई सहयोग नहीं किया.
घटना की सूचना पर बिहार से पुलिस प्रशासन की टीम आनन-फानन में मौके पर पहुंची. पूर्णिया के आईजी सुरेश चौधरी और एसपी कुमार आशीष भी पहुंचे. किशनगंज टाउन थानाध्यक्ष का शव पोस्टमॉर्टम के लिए इस्लामपुर अस्पताल लाया गया, जहां वरीय अधिकारियों की मौजूदगी में शव का पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाया गया.
जानकारी के अनुसार किशनगंज के थानेदार की हत्या शनिवार की सुबह करीब चार बजे की गई. बताया जा रहा है कि छापेमारी करने गई टीम पर भीड़ ने अचानक हमला बोल दिया. इस दौरान बाकी पुलिसकर्मी तो बच निकले, लेकिन अंधेरे में इंस्पेक्टर अश्विनी अपराधियों के हाथ लग गए. अपराधियों ने पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी. उनका गला दबाए जाने की बात भी सामने आ रही है.
इस बीच किशनगंज थाना अध्यक्ष अश्वनी कुमार की हत्या पर बिहार पुलिस एसोसिएशन ने नाराजगी जाहिर की है. एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि बंगाल में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. उन्होंने इंस्पेक्टर की हत्या पर केंद्रीय गृह मंत्रालय से हस्तक्षेप करने और मृतक के परिजनों को बिहार और भारत सरकार से मदद की अपील की है.