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संसद में विवादास्पद ऑनलाइन सुरक्षा विधेयक पर बहस के लिए मतदान; आखिर क्या है इसके विरोध का कारण?

श्रीलंका की संसद में मंगलवार को ऑनलाइन सुरक्षा विधेयक पर चल रही बहस को आगे बढ़ाने के लिए मतदान किया गया। भारत के पड़ोसी देश में इस विधेयक की विपक्ष द्वारा काफी आलोचना की जा रही है। विपक्षी सांसदों और अन्य आलोचकों का कहना है कि इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बाधित होगी।

विपक्ष के विरोध को देखते हुए श्रीलंकाई संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अबेवर्धने ने यह तय करने के लिए वोटिंग कराने का फैसला किया था कि विधेयक पर चल रही दो दिवसीय बहस आगे बढ़नी चाहिए या नहीं। मतदान में 225 विधायकों में से 83 ने बहस कराने के पक्ष में वोट दिया। वहीं, 50 सांसदो ने इसके खिलाफ वोट किया। मंत्री तिरान एलेस ने मंगलवार को इस विधेयक पर बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बिल में संशोधन का सुझाव दिया था। बुधवार को संसद में बिल को मंजूरी मिलने के बाद उन संशोधनों कों इसमें शामिल किया जाएगा।इससे पहले, विपक्षी दलों ने विधेयक पर विचार-विमर्श के लिए और समय मांगा था। उनका दावा था कि ऑनलाइन सुरक्षा विधेयक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरा हो सकता है। वहीं,

नागरिक भी कर रहे विरोध
विपक्षी सांसदों के अलावा विभिन्न नागरिक समूह भी इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं। मंगलवार को जब संसद में इस विधेयक को लेकर मतदान हो रहा था उस समय एक नागरिक समूह ने विधेयक का विरोध करने के लिए संसद के पास प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य सोशल मीडिया के माध्यम से जनता की राय की अभिव्यक्ति को सेंसर करना है।

किए गए हैं ये प्रावधान
बता दें कि इस विधेयक का उद्देश्य ऑनलाइन सुरक्षा आयोग की स्थापना करना है। इसके साथ ही यह विधेयक में श्रीलंका में बयानों के ऑनलाइन संचार पर रोक लगाने और प्रतिबंधित उद्देश्यों के लिए ऑनलाइन खातों और अप्रामाणिक ऑनलाइन खातों के उपयोग को रोकने का प्रावधान भी किया गया है।

एशियाई इंटरनेट गठबंधन ने भी की है आलोचना
एशियाई इंटरनेट गठबंधन (एआईसी) ने भी इसका विरोध किया था। एआईसी ने इस बाबत एलेस को एक पत्र भी लिखा था। जिसमें विधेयक पर आपत्ति जताई थी। एआईसी ने पत्र में कहा था कि प्रस्तावित कानून मसौदे में अगर परिवर्तन नहीं किए गए तो इससे कई चुनौतियां पैदा होंगी। इसमें यह भी चेतावनी दी गई थी कि विधेयक के वर्तमान स्वरूप से श्रीलंका की डिजिटल अर्थव्यवस्था की संभावित वृद्धि कमजोर हो सकती है। गौरतलब है कि विधेयक की संसदीय मंजूरी पर मतदान बुधवार को होना है।

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