New Delhi। वक्फ संशोधन बिल (Wakf Amendment Bill) पर कल (2 अप्रैल) को लोकसभा में चर्चा होनई है। इस बिल पर चर्चा के लिए विपक्ष 12 घंटों की मांग कर रहा था, लेकिन इस पर 8 घंटों की चर्चा का समय तय किया गया है। प्रश्नकाल के बाद वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा शुरू होगी। कल ही चर्चा के बाद बिल पारित कराने का फैसला लिया जा सकता है। इस्लामिक कानून के तहत धार्मिक उद्देश्य से दान की गई संपत्तियों की देखरेख के लिए Wakf Board बनाया गया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा है कि वक्फ संशोधन बिल का फायदा मुस्लिम समाज को होगा। एक न्यूज़ एजेंसी से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल पर हंगामा करने वालों ने अबतक कुछ भी नहीं किया है।
कब बना Wakf Board
1954 में संसद से कानून पारित होने के बाद वक्फ बोर्ड (Wakf Board) बना। 1955 में हर राज्य में वक्फ बोर्ड बनाने का कानून। 1964 में केंद्रीय वक्फ परिषद का गठन हुआ और 1995 में वक्फ एक्ट में पहली बार बदलाव कित्ये गए। अभी करीब 32 अलग-अलग राज्यों में वक्फ बोर्ड बने हुए है।
वक्फ बोर्ड को प्राप्त कानूनी अधिकार
किसी जमीन या संपत्ति को लेने या ट्रांसफर कर सकता है। किसी शख्स के खिलाफ कानूनी नोटिस जारी कर सकता है। चल-अचल संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन और देखरेख करता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल में वक्फ (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी, जिसमें जेपीसी द्वारा सुझाए गए बदलावों को शामिल किया गया है। अब इसे संसद में चर्चा और पारित करने के लिए पेश करने का रास्ता साफ हो गया है। अगस्त 2024 में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रीजीजू द्वारा लोकसभा में पेश किये जाने के बाद इस विधेयक को जेपीसी (JPC) के पास भेजा गया था। संसदीय समिति ने बहुमत से रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। समिति के सभी 11 विपक्षी सांसदों ने असहमति के नोट पेश किए थे। यह रिपोर्ट इस महीने की शुरुआत में सौंपी गई थी।