कांग्रेस नेता राहुल गांधी के संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किए जाने के बाद कल खाली हुई केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर सितंबर तक उपचुनाव हो सकता है। अब सभी की नजरें चुनाव आयोग पर टिकी हैं।
गुजरात के सूरत की एक अदालत द्वारा गुरुवार को मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने और दो साल की जेल की सजा के बाद राहुल गांधी को अयोग्य ठहराया गया। फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए कांग्रेस नेता को 30 दिन की जमानत दी गई है।
जानकार मानते हैं कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 2015 की धारा 151ए के अनुसार, संसद और राज्य विधानसभाओं में रिक्त सीटों पर उपचुनाव सीट के खाली होने के छह महीने के भीतर होना चाहिए।
यह वही अधिनियम है जिसने राहुल गांधी को संसद सदस्य के रूप में हटाने का मार्ग प्रशस्त किया। अधिनियम की धारा 8 (3) कहती है कि एक सांसद को उस समय अयोग्य ठहराया जाता है जब उसे किसी आपराधिक मामले में कम से कम दो साल की सजा सुनाई जाती है।
बता दें कि राहुल गांधी 2019 में उत्तर प्रदेश में अपनी अमेठी सीट हार गए और अपनी दूसरी सीट वायनाड से लोकसभा में चुने गए। दो दिनों के भीतर कांग्रेस पार्टी को दोहरा झटका लगा है। पहला राहुल गांधी को दो साल की सजा मिली। उन पर मानहानि का मामला 2019 में कर्नाटक के कोलार में एक चुनाव पूर्व रैली का है।
जब उन्होंने कथित तौर पर मोदी सरनेम को लेकर आपत्तिजनक बातें कही थी। उन्होंने कहा था कि “सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे हो सकता है” इस मामले में गुजरात के एक पूर्व मंत्री ने शिकायत दर्ज की थी कि राहुल गांधी ने पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया है।
लोकसभा सचिवालय ने कल राहुल गांधी की अयोग्यता को अधिसूचित किया और अब उपचुनाव की तारीखों की घोषणा करना चुनाव आयोग पर निर्भर है। लोकसभा में अब तीन खाली सीटें हैं – जालंधर, लक्षद्वीप और वायनाड। ऐसी संभावना है कि वायनाड सीट पर सितंबर तक उपचुनाव हो सकते हैं।