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तूम्हारी याद के स्याही को रो रो के मिटाते हैं, कि यानी हिज्र को जानां हम लोगो से छुपाते हैं..

मेरी गज़लें जो पढ़ते है, मुझे सायर तो वे कहतें।
मगर हम तुझमें खो करके, तुम्हे गीतों में गाते हैं।।

लखनऊ विश्वविद्यालय में चल रहे संस्कृति सुरभि महोत्सव के तीसरे दिन की सुरुवात इन्ही प्रेमपूर्ण पंक्तियों के साथ हुई। इस महोत्सव के तीसरे दिन ‘बज्म-ऐ-कलम, हिंदी कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयो के अनेकों छात्रों ने प्रेम, विरह, नारी जीवन, ज्वलंत समस्याओं, देशप्रेम आदि विभिन्न भावों एव विषयों पर एक से बढ़कर एक स्वरचित रचनाएं प्रस्तुत किये एव उपस्थित गुरुजनों, गणमान्य अतिथिगणों,एव छात्रो का ध्यान आकर्षित किया।

तूम्हारी याद के स्याही को रो रो के मिटाते हैं कि यानी हिज्र को जानां हम लोगो से छुपाते हैं

इस इवेंट के निर्णायक रहे समाजशास्त्री प्रो रोहित मिश्रा ने बच्चों से कहा कि यह तो सब जानते है कि साहित्य समाज का दर्पण होता है परंतु जो कविताएं होती है ये समाज के साथ साथ लिखने वालों के मन एव आत्मा का भी दर्पण होता है। उन्होंने प्रतियोगी छात्रों को उनके सफल प्रतिभाग की बधाइयां दी एव आगे भी ऐसे ही गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।

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इस इवेंट के कोऑर्डिनेटर शिवम ने बताया कि हिंदी पोयट्री में 50 और इंग्लिश पोयट्री में लगभग 20 से अधिक छात्रों ने प्रतिभाग किया। हिंदी पोयट्री का यह पहला चरण था आज के शीर्ष 8 प्रतिभागी फाइनल राउंड में पुनः कविता पाठ करेंगे जहां से शीर्ष तीन विजेताओं का चयन होगा।

तूम्हारी याद के स्याही को रो रो के मिटाते हैं कि यानी हिज्र को जानां हम लोगो से छुपाते हैं

मेहंदी कम्पटीशन ‘हिना ग्लैम में भी 23 छात्रों ने प्रतिभाग किया,और हाथों पर मनमोहक मेहंदी रचकर अपनी अपनी दावेदारी पेश की। सामूहिकत नृत्य प्रतियोगिता में 30 से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग लिया एव नृत्य कला के हुनर को प्रस्तुत किया। प्रतियोगिता के कॉर्डिनेटर पूर्णिमा ने बताया ने बताया कि आज के सिलेक्टेड प्रतिभागी कल 1 दिसम्बर को फाइनल राउंड में अपनी दावेदारी प्रस्तुत करेंगे।

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वहीं बैटमिंटन के फाइनल मैच में पुरुष सिंगल्स में विजेता आयुष रहे एव उपविजेता यश सिंह रहे तथा महिलाओं में प्रज्ञा मिश्रा प्रथम एव गरिमा भारद्वाज रही। पुरुषों के युगल मैच में दीपांशु एव अभिषेक पाल की जोड़ी ने प्रथम स्थान तथा निखिल एव आयुष ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। जबकि मिश्रित युगल में प्रांजल एव मानसी की जोड़ी ने प्रथम एव रितेश झा एव खुशी शुक्ला की जोड़ी ने दूसरा स्थान प्राप्त किया।

तूम्हारी याद के स्याही को रो रो के मिटाते हैं कि यानी हिज्र को जानां हम लोगो से छुपाते हैं

लखनऊ विश्वविद्यालय स्पोर्ट्स एव कल्चरल कमेटी के डायरेक्टर प्रो सतीश पांडेय 3 दिनों से निर्वाध चल रहे प्रतियोगिताओं के महाकुंभ को लेकर काफी संतुष्ट दिखे एव कहा कि बच्चो की लगन एव प्रतिभाग करने का जुनून ही इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाता है।

कमेटी के अध्यक्ष डॉ उग्रसेन वर्मा ने कहा कि संस्कृति सुरभि के तृतीय दिवस में बैडमिंटन, पावर लिफ्टिंग, टीशर्ट पेन्टिंग, मेहंदी रांगोली, टेबल टेनिस सहित 15 से अधिक प्रतियोगितावो में राजधानी लखनऊ के छात्रों ने अपना प्रतिभा दिखाया। उन्होंने बताया कि समाचार लिखे जाने के कुछ समय बाद वालीबाल मैच के भी परिणाम आ जाएंगे। देर शाम तक विश्विद्यालय के क्रीड़ास्थली में गतिविधियां जारी रही।

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