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‘बांग्लादेश, कनाडा में राजनीतिक उठापटक पर हमारी नजर’, वाशिंगटन में क्वॉड विदेश मंत्रियों की बैठक संभावित

नई दिल्ली। बांग्लादेश की स्थिति पर, विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हमारे विदेश सचिव ने दौरा किया था, जिसमें हमने कहा था कि हम सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं…हम चाहते हैं कि भारत-बांग्लादेश संबंध बांग्लादेश और भारत के लोगों के लिए अच्छे हों’। बांग्लादेश के साथ मौजूदा सीमा स्थिति पर, विदेश मंत्रालय ने कहा कि, ‘हमने अपनी स्थिति बहुत स्पष्ट कर दी है। हमने कार्यवाहक, उप-कार्यवाहक उच्चायुक्त को तलब किया था और सीमा बाड़ लगाने पर अपनी स्थिति बहुत स्पष्ट कर दी थी।

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हम सीमा पार आपराधिक गतिविधियों, तस्करी और मानव तस्करी, कांटेदार तार की बाड़ लगाने, सीमा पर प्रकाश व्यवस्था, तकनीकी उपकरणों की स्थापना और मवेशी बाड़ लगाने जैसे उपायों को प्रभावी ढंग से संबोधित करके बांग्लादेश के साथ अपराध मुक्त सीमा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिनका उद्देश्य सीमा को सुरक्षित करना है…इस संबंध में सभी पहले की समझ बांग्लादेश की तरफ से ऐसे अपराधों से निपटने की दिशा में एक सहयोगी दृष्टिकोण में लागू की जाएगी’।

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‘कनाडा में राजनीतिक घटनाक्रम पर हमारी नजर’

वहीं, कनाडा में राजनीतिक घटनाक्रम पर, विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘कनाडा में बहुत सारे राजनीतिक घटनाक्रम चल रहे हैं। हम उन पर कड़ी नजर रख रहे हैं। भारत और कनाडा के बीच बहुत गहरे संबंध हैं… हमें उम्मीद है कि ये संबंध मजबूत बने रहेंगे और भारत इस दिशा में कोई भी कदम उठाने के लिए तैयार रहेगा’।

‘आतंकवाद से पूरी ताकत से लड़ने की जरूरत’

सीमा पार आतंकवाद पर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम इस बात पर दृढ़ हैं कि आतंकवाद चाहे किसी भी रूप में मौजूद हो, उससे पूरी ताकत से लड़ने की जरूरत है और हमने सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देशों को भी चिन्हित किया है’।

विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक प्रेस कॉनफ्रेंस में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा पर कहा कि, ‘इस वर्ष हमें भारत में वार्षिक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करनी है…हर वर्ष हम रूस के साथ वार्षिक शिखर सम्मेलन करते हैं…इसकी तारीखें राजनयिक चैनलों के माध्यम से तय की जाएंगी’।

रूसी सेना में कार्यरत भारतीयों को वापस लाने का आग्रह

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शुक्रवार को कहा कि रूस ने भारत को सूचित किया है कि रूसी सेना में कार्यरत 16 भारतीय लापता हैं। एमईए ने कहा कि रूसी सेना में कार्यरत 12 भारतीयों की अब तक मौत हो चुकी है। एमईए के प्रवक्ता ने कहा, ‘रूसी सेना में कार्यरत भारतीय नागरिकों के 126 मामले सामने आए हैं। इन 126 मामलों में से 96 लोग भारत लौट आए हैं और उन्हें रूसी सशस्त्र बलों से छुट्टी दे दी गई है।’ उन्होंने कहा, ‘रूसी सेना में 18 भारतीय नागरिक अभी भी हैं और उनमें से 16 व्यक्तियों का पता नहीं चल पाया है।’ इसमें रूसी पक्ष ने उन्हें लापता की श्रेणी में रखा है… हम बचे हुए लोगों की शीघ्र रिहाई और स्वदेश वापसी की मांग कर रहे हैं।

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