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जिसका डर था वही हुआ, दिसंबर में कोरोना से दुनियाभर में हुईं 10 हजार से अधिक मौतें, ये रही मुख्य वजह

कोरोना संक्रमण के मामले वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं, विशेषतौर पर कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के कारण कई देशों में हालात बिगड़ने की भी खबरें हैं। सिंगापुर-अमेरिका में संक्रमण की एक और लहर की आशंका जताई जा रही है, वहीं भारत में भी कोरोना के मामलों में 40-50 दिनों के भीतर बड़ा उछाल आया है। कोरोना के नए वैरिएंट्स (ओमिक्रॉन और इसके सब-वैरिएंट्स) को लेकर ज्यादातर अध्ययनों में पाया गया है कि ये वैरिएंट तेजी से संक्रमण जरूर फैलाते हैं पर इसके कारण गंभीर रोग का खतरा कम होता है। पर हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा साझा की गई जानकारियां डरा रही हैं।

संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने कहा, पिछले महीने क्रिसमस और फिर नए साल की छुट्टियों के दौरान इकट्ठा हुई लोगों की भीड़ के चलते विश्व स्तर पर नए कोरोना वैरिएंट का संचरण बढ़ गया है। डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल ने कहा संक्रमण के कारण दिसंबर में लगभग 10,000 मौतें हुईं हैं। करीब 50 देशों के डेटा से पता चलता है कि यहां पर अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में भी 42 फीसदी तक की बढ़ोतरी आई है। यूरोप के देशों में कोरोना के कारण हालात बिगड़ते हुए देखे जा रहे हैं।

क्या कहते हैं डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक

गौरतलब है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पहले भी अलर्ट किया था कि क्रिसमस-नए साल की छुट्टियों के दौरान एकत्रित होने वाली भीड़ से कोरोना विस्फोट हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने जिनेवा में संवाददाताओं को बताया, “हालांकि प्रतिमाह 10,000 मौतें महामारी के पीक वाले समय से काफी कम हैं, लेकिन ये मौतें रोकी जा सकती थीं, फिर भी इनका बढ़ा हुआ आंकड़ा स्वीकार्य नहीं है।” कोरोना को हल्के में लेने की गलती भारी पड़ रही है।

उन्होंने कहा कि यह निश्चित है कि अन्य स्थानों पर भी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, जहां फिलहाल रिपोर्टिंग कम है। सभी सरकारों को कोरोना पर गंभीरता से निगरानी बनाए रखने और उपचार-टीकों की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित करते रहना बहुत आवश्यक है।

भारत में कोरोना की स्थिति

कोरोना संक्रमण के मामले भारत में भी बढ़ रहे हैं। पिछले एक सप्ताह के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है यहां रोजाना औसतन 500-600 नए मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में देश में संक्रमण के 514 नए मामले दर्ज किए गए। एक्टिव केस की संख्या अब 3422 है। इससे पहले बुधवार को 605 मामले रिपोर्ट किए गए थे। रोजाना कोरोना से भारत में औसतन 5-6 लोगों की मौत हो रही है। महाराष्ट्र में बुधवार को 98 नए कोविड-19 मामले सामने आए, दो लोगों की मौत हो गई।

कोरोना के साथ अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों में भी वृद्धि

टेड्रोस ने कहा कि JN.1 फिलहाल दुनियाभर में सबसे प्रमुखता से फैलना वाला वैरिएंट बन गया है। यह ओमिक्रॉन का ही सब-वैरिएंट है, इसलिए वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि मौजूदा टीके लोगों को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। डब्ल्यूएचओ में कोविड-19 की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने कहा, कोरोनोवायरस के साथ-साथ फ्लू, राइनोवायरस और निमोनिया के कारण भी दुनियाभर में श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि देखी जा रही है। उन्होंने कहा, उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों के महीनों के दौरान श्वसन बीमारियों का जोखिम अधिक होता है, ये जनवरी तक जारी रह सकते हैं। हालांकि दक्षिणी गोलार्ध में जहां अब गर्मी है, वहां भी कोविड-19 में वृद्धि देखी जा रही है।

संक्रमण से बचाव करना जरूरी

डब्ल्यूएचओ के अधिकारी सलाह देते हैं कि लोगों के लिए टीकाकरण पूरा करना, मास्क पहनना कोरोना से बचाव के लिए बहुत आवश्यक है। ये भी सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि आपके घर के भीतर वेंटिलेशन की अच्छी व्यवस्था हो, इनडोर प्रदूषण के कारण भी संक्रमण का खतरा हो सकता है।

डब्ल्यूएचओ में इमरजेंसी विभाग के प्रमुख डॉ. माइकल रयान कहते हैं, वैक्सीनेशन आपको संक्रमित होने से नहीं रोक सकती है, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु से बचाने में जरूर इसके लाभ हैं। कोरोना के प्रसार को कम करने के लिए भीड़-भाड़ से बचना बहुत जरूर है। संक्रमण का बढ़ना भविष्य के लिए बड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है।

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