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कब और कहां लग रहा सूरजकुंड मेला? जानिए कैसे पहुंच सकते हैं यहां

सूरजकुंड मेला भारत के सबसे बड़े हस्तशिल्प मेलों में से एक है, जो हरियाणा के फरीदाबाद जिले में स्थित सूरजकुंड में आयोजित किया जाता है। इसका इतिहास लगभग 35 वर्षों से अधिक पुराना है, जब हरियाणा पर्यटन विभाग ने भारतीय हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक धरोहर को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इसकी शुरुआत की थी। इस मेले का मुख्य उद्देश्य देशभर के शिल्पकारों, कलाकारों और हथकरघा बुनकरों को एक मंच देना था, जहां वे अपनी कला का प्रदर्शन कर सकें और अपने उत्पादों को सीधे ग्राहकों तक पहुंचा सकें।

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कब और कहां लग रहा सूरजकुंड मेला? जानिए कैसे पहुंच सकते हैं यहां

सूरजकुंड का इतिहास

सूरज कुंड का अर्थ है “सूरज का तालाब”। इस क्षेत्र का ऐतिहासिक महत्व भी है, क्योंकि यह 10वीं शताब्दी में तोमर राजा सूरज पाल के शासनकाल में बनाया गया था। राजा सूरजपाल सूर्य के उपासक थे और उन्होंने सूरजकुंड का निर्माण जल संचयन के लिए कराया था। इसी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के चलते इस मेले का नाम ‘सूरजकुंड मेला’ रखा गया।

सूरजकुंड मेले में कैसे पहुंचें

दिल्ली से फरीदाबाद की यात्रा करने के लिए मेट्रो के जरिए जा सकते हैं। इसके लिए निकटतम मेट्रो स्टेशन बदरपुर (वायलेट लाइन) है। वहां से आप आटो या कैब के माध्यम से मेला स्थल तक पहुंच सकते हैं। सड़क मार्ग के जरिए दिल्ली से सूरजकुंड की दूरी लगभग 23 किमी है, जिसे निजी वाहन या बस से पूरा किया जा सकता है। दिल्ली, गुड़गांव और फरीदाबाद से हरियाणा रोडवेज और डीटीसी की बसें उपलब्ध हैं, जो आपको मेला स्थल तक पहुंचाएंगी।

सूरजकुंड मेला का खर्च

सप्ताह के दिनों में सूरज कुंड में एंट्री टिकट 120 रुपये और वीकेंड में यानी शनिवार और रविवार को 180 रुपये प्रति व्यक्ति है। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (DMRC) के सारथी ऐप के माध्यम से टिकट बुक कर सकते हैं। ऑनलाइन के लिए आप दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर विशेष काउंटरों से और मेला स्थल पर टिकट काउंटरों से टिकट ले सकते हैं।

अन्य खर्चे

मेला परिसर में ही विभिन्न प्रकार के व्यंजनों के स्टॉल सजते हैं, जहां भोजन की कीमतें विविध हो सकती हैं। हस्तशिल्प उत्पादों पर खर्च कर सकते हैं। उत्पादों की कीमतें उत्पाद और विक्रेता के अनुसार भिन्न हो सकती हैं। सफर से लेकर खाने-पीने में लगभग 2000 रुपये का खर्च आ सकता है। बाकि खरीदारी पर निर्भर करता है। बजट मेंं घूमने के लिए करीब 5000 रुपये लेकर जरूर जाएं।

कब और कैसे घूमें सूरजकुंड मेला?

7 फरवरी के बाद आप कभी भी सूरजकुंड मेला घूमने जा सकते हैं। मेला सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है। वीकेंड में भीड़ अधिक होने के कारण सप्ताह के दिनों में जाने का प्रयास करें। मेला परिसर काफी बड़ा और थकान भरा हो सकता है, इसलिए आरामदायक जूते पहनकर जाएं। पानी की बोतल और आवश्यकता अनुसार नकद राशि साथ रखें।

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