ज्योतिष के अनुसार व प्रकृति के मुताबिक हम जल यानि पानी के बिना जीवित नहीं रह सकते है| ज़िंदगी के निर्माण के लिए पांच तत्वों की जरूरत होती है। उसमे से एक जरूरी तत्व, जल तत्त्व है। जल मूर्त वस्तुओं में सबसे ज्यादा मूल्यवान व चमत्कारी है। जल से केवल आदमी का ज़िंदगी ही नहीं चलता, बल्कि उसकी भावनाएं, उसकी क्षमता व उसकी आध्यात्मिकता तय होती है।
– जल,सकारात्मक व नकारात्मक, दोनों उर्जाओं को सोख सकता है।
– यही वजह है कि जल को मंत्र से अभिमंत्रित करने की क्रिया की जाती है।
– शरीर का जल तत्त्व ही आपको ताकतवर व दिव्य बना सकता है।
– जल के इस्तेमाल से असली व काल्पनिक दोनों समस्याएं दूर की जा सकती हैं।
– ज़िंदगी में जल का ठीक व संतुलित इस्तेमाल आपको स्वस्थ व विषमुक्त रखता है।
– यह भावनाओं को बहने से नियंत्रित करता है व आपको आध्यात्मिक बनाता है।
– जल का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने से आप स्वस्थ रह सकेंगे।
– दिन के समय ज्यादा जल व रात के समय कम पानी पीयें।
– खड़े होकर व एक बार में ढेर सारा जल न पीयें।
– सामान्य तापमान का जल ही औषधि व ज़िंदगी की भांति काम करता है
– जल की रक्षा व संरक्षण करने से चंद्रमा व मन दोनों ही मजबूत होते हैं।
– अगर जल की बर्बादी की जाए, उसका दुरूपयोग किया जाए तो आर्थिक व मानसिक दोनों तरह की क्षतियां होती हैं।
– जिन लोगों के घर में जल की बर्बादी होती है, जल बहता रहता है या टपकता रहता है, वहां पर मानसिक समस्याएं व आर्थिक समस्याएं खूब आती हैं।