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आर्थिक प्रतिबंधों को क्यों तवज्जो नहीं दे रहा है रूस? क्या गुरिल्ला युद्ध छेड़ने की फिराक में हैं राष्ट्रपति पुतिन

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के प्रतिनिधि बिना शर्त बेलारूस की सीमा पर चर्चा करने को राजी हैं। रूस ने इसके साथ यूक्रेन में तीसरे चरण के अभियान की शुरुआत कर दी है।

यह स्थिति राष्ट्रपति जेलेंस्की के यूक्रेन छोड़कर न भागने और अंतिम समय तक लड़ने का हौसला दिखाने के बाद आई है। दूसरा संदेश अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने आर्थिक प्रतिबंधों पर सफाई और इस सैन्य कार्रवाई को तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा बताकर दिया है। तीसरी सूचना इटली समेत तमाम देशों द्वारा यूक्रेन को सैन्य और आर्थिक सहायता देने की है।

कीव, खारकीव समेत यूक्रेन के तमाम शहरों से खबर आ रही है कि वहां नागरिकों ने हथियार उठाकर प्रतिरोध तेज कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकारों का कहना है कि रूस इस स्थिति से बचना चाहता है।

बड़ा सवाल यह भी है कि जब तक अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस जैसे बड़े देश अभियान में शामिल नहीं होते, यूक्रेन तक सैन्य मदद पहुंचाना भी मुश्किल है। रूस ने यूक्रेन को जमीन, आसमान, जल जैसे सभी रास्तों से घेर रखा है। सब कुछ निगहबानी में है। ऐसे में नागरिकों का संघर्ष या गुरिल्ला वार ही अंतिम विकल्प है।

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