क्या आप जानते हैं कि खाने-पीने की कुछ खास चीजों के अलावा योगासन की मदद से भी सर्दी-जुकाम पर काबू पाया जा सकता है? कौन-कौन से योगासन सर्दी-जुकाम से करेंगे आपकी रक्षा, इसकी जानकारी दे रहे हैं योगाचार्य कौशल कुमार
सर्दी-जुकाम एक हल्की तथा सामान्य शारीरिक गड़बड़ी है, जो आमतौर पर एक हफ्ते में खुद ठीक हो जाती है, लेकिन कई बार जरूरी सावधानी न बरतने के कारण यह फ्लू, ब्रोंकाइटिस, ब्रोंकोनिमोनिया आदि का रूप भी धारण कर सकती है। सर्दी-जुकाम होने के प्रमुख कारणों में वायरल इन्फेक्शन, मौसम का बदलना, ठंडी हवा लगना, अनुपयुक्त आहार, व्यायाम का अभाव, मांसपेशियों का शिथिल पड़ना, कब्ज की शिकायत आदि प्रमुख हैं। योग के नियमित अभ्यास से इस समस्या की चपेट में आने से बचा जा सकता है।
योग शरीर और मन, दोनों को संतुलित, समन्वित तथा क्रियाशील रखता है। इसका नियमित अभ्यास करने वालों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बहुत अधिक होती है, जिसके कारण ऐसे लोगों को सर्दी-जुकाम की समस्याओं का सामना कम करना पड़ता है। सर्दी-जुकाम से पीड़ित लोग भी कुछ सावधानियां बरतकर और तबीयत में सुधार आने के बाद योग का अभ्यास कर सकते हैं।
उपवास है बेहतर विकल्प
सर्दी-जुकाम तथा वायरल इन्फेक्शन आदि की स्थिति में यौगिक क्रियाओं का अभ्यास नहीं करना चाहिए। ऐसी स्थिति में उपवास बेहतर विकल्प है। उपवास या आहार नियंत्रण द्वारा इस समस्या को पूरी तरह टाला जा सकता है। जैसे ही रोग के प्रारंभिक लक्षण दिखें, संभव हो तो दिन भर का या एक समय का भोजन त्याग दें। रोग की तीव्रता तुरंत आधी हो जाएगी। साथ में दिन भर हल्के गर्म पानी का सेवन करते रहें। अदरक, काली मिर्च, दालचीनी तथा मेथी की चाय नियमित अंतराल पर पिएं और आराम करें। यदि बुखार न हो तो नेति-कुंजल का अभ्यास करने से रोग जल्दी ठीक हो जाता है। केवल एक दिन उपवास, पूर्ण विश्राम तथा योगनिद्रा के अभ्यास से सर्दी-जुकाम को ठीक किया जा सकता है। स्वस्थ होने पर यदि कुछ यौगिक क्रियाओं का अभ्यास किया जाए तो रोग के बाद की कमजोरी तथा पीड़ा को कम किया ही जा सकता है, साथ ही भविष्य में भी रोगों की आशंका को टाला जा सकता है।
करें ये योगासन
जुकाम ठीक होने के बाद शुरुआत में हल्के आसन जैसे पवनमुक्तासन, वज्रासन, शशांकासन, मेरुवक्रासन, धनुरासन, भुजंगासन आदि का ही अपनी क्षमता को ध्यान में रखते हुए अभ्यास करें। थकान महसूस हो तो इसे थोड़ी देर ही करें। धीरे-धीरे जैसे शरीर की क्षमता में वृद्धि हो, अभ्यास में जानुशिरासन, सुप्त वज्रासन, ताड़ासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, त्रिकोणासन आदि को जोड़ देना चाहिए। यदि सूर्य नमस्कार का नियमित अभ्यास किया जाए तो सर्दी-जुकाम, खांसी आदि के साथ-साथ अन्य रोगों की आशंका भी कम हो जाती है।