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विश्व स्वास्थ्य दिवस: चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में काशी की बदल रही तस्वीर

• ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का हो रहा निरंतर विस्तार

• आधुनिक चिकित्सीय सेवाओं के साथ डिजिटलीकरण को भी मिल रहा बढ़ावा

• समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के लिए विभाग प्रयासरत

वाराणसी। सभी के लिए बेहतर चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कराने, समुदाय के अंतिम व्यक्ति तक उसकी पहुँच बढ़ाने और उसके बारे में ध्यान केन्द्रित करने को लेकर हर साल सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष इसकी थीम ‘हेल्थ फॉर ऑल’ रखी गई है। जनपद वाराणसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर जिले में निरंतर बढ़ रहीं चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

विश्व स्वास्थ्य दिवस

ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार- सीएमओ ने कहा कि पिछले कुछ सालों में जनपद में चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवाओं, उपकरणों, संसाधनों आदि सुविधाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर जनपद की आबादी करीब 44 लाख है जिन्हें स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कराना हमारे चुनौतीपूर्ण कार्य है लेकिन इसके लिए स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक स्तर पर प्रयासरत है। सीएमओ ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) की शुरुआत वर्ष 2005 में हुई थी उस समय जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य उपकेन्द्रों की संख्या 307 थी वर्तमान में यह बढ़कर 316 हो चुकी है।

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पिछले चार सालों में इन 316 स्वास्थ्य उपकेन्द्रों को आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में परिवर्तित किया जा रहा है। वर्तमान में 225 हेल्थ एंड वेलनेस तैयार किए जा चुके हैं जिसमें सभी में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की तैनाती है। जल्द ही शेष सेंटर को परिवर्तित कर सीएचओ की तैनाती की जाएगी।

पहले जिले के ग्रामीण क्षेत्र में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (एपीएचसी) की संख्या 22 थी, वर्तमान में इसमें से तीन एपीएचसी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उच्चीकृत किया गया है। जिसमें सीएचसी पुआरीकला (हरहुआ), सीएचसी बिरांवकोट (बड़ागांव) और नवीन शहरी सीएचसी सारनाथ शामिल है। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में नौ सीएचसी यथा अराजीलाइन, चोलापुर, मिसिरपुर (काशी विद्यापीठ), गंगापुर (पिंडरा), गजोखर (पिंडरा), पुआरीकला (हरहुआ), नरपतपुर (चिरईगांव), हाथी बाजार (सेवापुरी), सीएचसी बिरांवकोट (बड़ागांव) संचालित हैं।

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इसके अलावा पाँच पीएचसी यथा बड़ागांव, पिंडरा, सेवापुरी, हरहुआ और चिरईगांव संचालित की जा रही हैं। इसके साथ ही बड़ागांव पीएचसी के अंतर्गत एक अलग आधुनिक चिकित्सा इकाई भी संचालित की जा रही हैं। इस तरह देखा जाए तो वर्तमान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र में 24 पीएचसी, 9 सीएचसी, 225 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, 81 स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है।

शहर में भी बढ़ रहीं चिकित्सीय व स्वास्थ्य सुविधाएं-सीएमओ ने बताया कि राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) की शुरुआत 2010 में हुयी थी उससे पहले जिले में पाँच राजकीय चिकित्सालय यथा डीडीयू चिकित्सालय पाण्डेयपुर, एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा एलबीएस चिकित्सालय रामनगर और एसवीएम चिकित्सालय भेलूपुर स्थापित हैं। इन चिकित्सालयों की ओपीडी व अन्य सामान्य सेवाओं का भार कम करने के लिए आबादी के अनुसार 24 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का संचालन शुरू किया गया। पिछले साल पाँच नवीन शहरी पीएचसी की और बढ़ोतरी हुई।

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वर्तमान में यह सभी 29 शहरी पीएचसी आयुष्मान भारत-हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में संचालित की जा रही हैं। इसमें तीन पीएचसी जैतपुरा, कोनिया और लेढ़ुपुर स्वयं के सरकारी भवन में संचालित की जा रही हैं शेष पीएचसी किराए के भवन में संचालित हो रही हैं। लेकिन जल्द ही सभी पीएचसी को स्वयं के सरकारी भवन में में स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा शहर में पाँच सीएचसी यथा सीएचसी दुर्गाकुंड, चौकाघाट, शिवपुर, काशी विद्यापीठ और सारनाथ का संचालन किया जा रहा है। इस तरह देखा जाए तो वर्तमान में एनएचएम के अंतर्गत शहर में पाँच सरकारी चिकित्सालयों, 29 पीएचसी और पाँच सीएचसी का संचालन किया जा रहा है।

पिछले साल यहाँ हुआ विस्तार- सीएमओ ने बताया कि पहले जनपद में सिर्फ पाँच प्रथम संदर्भन इकाई (एफ़आरयू) यथा सीएचसी चोलापुर, सीएचसी अराजीलाइन, जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा, एलबीएस चिकित्सालय रामनगर और बीएचयू संचालित किए जा रहे थे। प्रसव संबंधी सेवाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से पांच नवीन एफ़आरयू जैसे डीडीयू चिकित्सालय स्थित एमसीएच विंग, सीएचसी गंगापुर, सीएचसी हाथी बाजार, सीएचसी चौकाघाट और सीएचसी दुर्गाकुंड की शुरुआत की गई। वर्तमान में जिले में 10 (एफ़आरयू) का संचालन किया जा रहा है। इसके साथ ही पिछले साल सभी 12 सीएचसी पर मिनी पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) स्थापित की गई।

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इस साल गैर संचारी रोग कार्यक्रम के अंतर्गत सभी 11 ग्रामीण व शहरी सीएचसी में सेंटीनल/पैथालोजी लैब की स्थापना की गई। स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटलीकरण के लिए ई-कवच पोर्टल, मंत्रा एप, आधारबद्ध जन्म पंजीकरण, यूबीआई फेसिंग अटेंडेंस एप का संचालन शुरू हुआ। ई-संजीवनी के माध्यम से सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू हुई जिसमें सीएचओ अहम भूमिका निभा रहे हैं।

इस साल भी विभाग निरंतर प्रयासरत- सीएमओ ने बताया कि इस साल बीएचयू समेत 13 स्वास्थ्य केन्द्रों पर एक-एक एमएनसीयू वार्ड तैयार किए जा रहे हैं। सभी राजकीय चिकित्सालयों और सीएचसी में हृदय रोगियों की सुविधा के लिए ईसीजी, थ्रंबोलिसिस और कार्डिएक अरेस्ट की सेवा शुरू हो चुकी है। ग्रामीण क्षेत्र में 75 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर और नगर क्षेत्र में 48 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के संचालन की तैयारियां चल रही हैं।

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स्वास्थ्य क्षेत्र के बड़े आयोजन- सीएमओ ने बताया कि वाराणसी में पिछले साल स्वास्थ्य क्षेत्र एक बड़ा कार्यक्रम यूनीवर्सल हेल्थ कवरेज दिवस 2022 सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन हो चुका है। इसी साल फरवरी में साउथ ईस्ट एशिया क्षेत्रीय महामारी विज्ञान प्रशिक्षण कार्यक्रम (एफ़ईटीपी) राष्ट्रीय सम्मेलन 2023 और 24 मार्च को प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वन वर्ल्ड टीबी समिट 2023 अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन हो चुका है। भविष्य में भी इसी तरह से कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे।

रिपोर्ट-संजय गुप्ता

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