विश्वभर में हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है। दुनियाभर में यह बच्चों के लिए सबसे बड़ी जानलेवा संक्रामक बीमारी है। नवजात व छोटे बच्चों की इम्युनिटी कम होती है इसलिए वे जल्द ही निमोनिया के शिकार हो जाते हैं। सबसे पहले इस दिन को मनाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने 12 नवंबर 2009 को की थी। इसका उद्देश्य विश्वभर में लोगों के बीच निमोनिया के प्रति जागरूकता फैलाना था।
क्या होता है निमोनिया-
निमोनिया सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिसमें फेफड़ों (लंग्स) में इन्फेक्शन हो जाता है। निमोनिया होने पर फेफड़ों में सूजन आ जाती है और कई बार पानी भी भर जाता है। निमोनिया ज्यादातर बैक्टीरिया, वायरस या फंगल इन्फेक्शन की वजह से होता है। यह ज्यादातर मौसम बदलने, सर्दी लगने, फेफड़ों पर चोट लगने या फिर चिकनपॉक्स जैसी बीमारियों के बाद हो सकता है। कई बार निमोनिया प्रदूषण में अधिक रहने से भी हो सकता है।
निमोनिया 5 तरह का होता है-
- बैक्टीरियल निमोनिया
- वायरल निमोनिया
- माइकोप्लाज्मा निमोनिया
- एस्पिरेशन निमोनिया
- फंगल निमोनिया
निमोनिया के लक्षण-
- तेज बुखार
- कफ होना, खांसी के साथ हरे या भूरे रंग का गाढ़ा बलगम आना या फिर कभी-कभी हल्का-सा खून आ जाना
- उल्टी
- दस्त
- भूख न लगना
- होंठों का नीला पड़ना
- बहुत ज्यादा कमजोरी लगना
- सांस लेने में दिक्कत
- दिल की धड़कने तेज होना
- सांस तेज चलना
- डायरिया
- सिरदर्द
- जोड़ों में दर्द
निमोनिया होने पर अपनाएं ये बचाव के उपाय-
- इस दौरान भरपूर आराम करें और पूरी नींद लें। आराम करने से रिकवरी जल्दी होती है।
- खूब सारा लिक्विड लें। साथ में जूस, नारियल पानी, नीबू पानी आदि भी लें।
- स्टीम लेना भी राहत दिलाता है। इससे गले को नमी मिलती है। दिन में 3-4 बार स्टीम लें।
- आजकल निमोनिया और फ्लू को रोकने के लिए टीके उपलब्ध हैं। टीकाकरण होने के बावजूद अगर आपको निमोनिया हो गया है तो डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
- निमोनिया होने पर धूम्रपान करने से बचें। ऐसा इसलिए धूम्रपान करते समय आपके फेपड़ों को काफी नुकसान पहुंचता है।
- अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को स्वस्थ बनाए रखने के लिए पर्याप्त नींद लेने के साथ रोजाना व्यायाम के साथ स्वस्थ आहार डाइट में शामिल करें।
निमोनिया होने पर इन चीजों से करें परहेज-
- जिन चीजों से आपको एलर्जी है उन चीजों का सेवन करने से बचें।
- निमोनिया से पीड़ित व्यक्ति को अधिक मीठे का सेवन करने से बचना चाहिए।
- डाइट में खासतौर पर प्रोसेस्ड फूड और शीतल पेय शामिल करने से बचें।
- दूध और डेरी उत्पाद का सेवन न करें क्योंकि ये सभी चीजें शरीर में बलगम बढ़ाने का काम करती हैं।
- ऐसे आहार जिसमें आर्टिफिशियल कलर, स्वाद या फिर कैफिन मौजूद हो डाइट में शामिल नहीं करने चाहिए।