ककुवा ने दीपावली पर्व की चर्चा करते हुए कहा-देवारी तौ अजोध्या म देखाय वाली होती हयँ। जब ते योगी बाबा मुख्यमंत्री भे, तब ते अजोध्या क दिन बहुरिगे। भगवान राम का भव्य मंदिर बनावा जाय रहा। सगरी अजोध्या क कायाकल्प कीन जाय रहा। अजोध्या का सबसे बड़ा पर्यटन स्थल बनावा जाय रहा। मोदी अउ योगी पूरी दुनिया म अजोध्या क अलगय स्थान देवावा चाहत हयँ। हुआँ अबसिला योगी सरकार साढ़े पाँच लाख दीया जलावय जाय रही। उई दिन सरजू मैया क घाट देखाय वाला होई।अजोध्या म एक ते छह नवम्बर तलक देवारी मनाई जाई।
चतुरी चाचा अपने चबूतरे पर बैठे हुक्का पी रहे थे। कासिम चचा, ककुवा, मुंशीजी व बड़के दद्दा भी चबूतरे पर विराजमान थे। आज मौसम गुलाबी था। गांव के बच्चे चबूतरे के सामने गोट्टा एवं सतगंउवा खेल रहे थे। मेरे पहुंचते ही ककुवा ने बतकही का आगाज कर दिया। ककुवा ने बताया कि जब से योगी आदित्यनाथ ने यूपी की कमान संभाली है। तब से अयोध्या में दीपावली पर्व बड़ी भव्यता के साथ मनाया जाने लगा है। योगी बाबा ने अयोध्या की दीपावली को अंतरराष्ट्रीय बना दिया है। त्रेता युग में लंका विजय के बाद भगवान राम पुष्पक विमान से अयोध्या लौटे थे। तब पूरे अयोध्या नगर को घी के दीयों से सजाया गया था। यहीं से दीपावली पर्व की शुरुआत हुई थी। उसी तिथि को हर साल भारत सहित पूरे विश्व में दिवाली मनाई जाती है।
इधर, योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में त्रेता युग वाली दिवाली मनाने की परंपरा डाल दी है। उस दिन हेलीकॉप्टर से कलाकार वृंद राम, लक्ष्मण, सीता व हनुमान इत्यादि के रूप में अयोध्या की धरती पर उतरते हैं। मुख्यमंत्री नगर वासियों के साथ उन सबका स्वागत करते हैं। शाम को पूरी अयोध्या दीप मालाओं से जगमग होती है।
चतुरी चाचा ने ककुवा की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- मोदी-योगी धन्नीवाद कय पात्र हयँ। प्रधानमंत्री अउ मुख्यमंत्री दुनव जन उजाड़-बदरंग अयोध्या का फिरि ते भव्य बनाय रहे हयँ। रामजी त्रेता युग मा तौ चौदय साल वनवास काटिन रहय। मुला इ कलयुग मा उई अट्ठाइस साल त्रिपाल मा रहे। सुप्रीम कोर्ट आदेश दिहिस तब जायके उनका याक छत मिलि हय। साल दुई साल बादि रामलला अपने तीनव भाइन संग राम-मन्दिर मा विराजमान होय जइहैं।
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या सगरे संसार का समता-समरसता अउ सभ्यता केरा संदेश देती हय। हर जात-धरम के लरिकन का राम ते कुछु न कुछु सिखय क चही। हम पँचन का राम राज्य की परिकल्पना पय काम करय क चाही। अयोध्या का लैके जउन राजनीति चलि रही हय। वह बड़ी दुखदाई हय। देस के कुछ चतुर-चालाक नेता रामजी का सत्ता क सीढ़ी बनावय प लागि हयँ। इ सब ‘मुंह मा राम-बगल मा छुरी’ वाले आयँ। इ बेईमानन का ‘राम नाम जपना-पराया माल अपना’ नारा हय।
इसी बीच चंदू बिटिया प्रपंचियों के लिए जलपान लेकर आ गई। चतुरी चाचा ने आज जलपान में देसी घी के साथ फरा व तुलसी-अदरक वाली कड़क चाय बनवाई थी। पेट भर फरे खाने के बाद सबने चाय के कुल्हड़ उठा लिये। चाय की चुस्कियों के साथ प्रपंच फिर से शुरू हुआ।
कासिम चचा ने विषय परिवर्तन करते हुए कहा- प्रपंच के बाद हम सब लोग दो मिनट का मौन धारण करेंगे। क्योंकि, सन 1984 में आज के ही दिन देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी को उनके सुरक्षा कर्मियों ने गोलियों से भून डाला था। हम सब उन्हें श्रद्धांजलि दें और उन्हें याद करें। अगर आपातकाल के टुकड़े को इंदिरा गाँधी के जीवनवृत से निकाल दिया जाए, तो भारत में इंदिरा जी जैसा दृढ़ इच्छाशक्ति वाला कोई नेता नहीं हुआ। इंदिरा गाँधी ने ही विश्व के मानचित्र में बंग्लादेश के रूप में एक देश और बढ़ा दिया था। इंदिरा जी ने पाकिस्तान को काट कर दो टुकड़े कर दिए थे। उसी दर्द से पाकिस्तान आज भी छटपटा रहा है। पाक पिछले कई दशकों से भारत के अमन-चैन को तबाह करने की कोशिश में जुटा है। हालांकि, मोदी जी पाकिस्तान का इलाज बराबर कर रहे हैं।
बड़के दद्दा ने हमेशा की तरह भाजपा की जय-जयकार करते हुए कहा- एक तरफ शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी इटली में भारत का झंडा बुलंद कर रहे थे। दूसरी तरफ गृहमंत्री शाह लखनऊ में भाजपा का झंडा फहरा रहे थे। अमित शाह ने भाजपा कार्यकर्ताओं/समर्थकों से साफ कह दिया कि अगर सन 2024 में मोदी को फिर प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं, तो सन 2022 में योगी को यूपी का मुख्यमंत्री बनाना होगा। इस बार यूपी में भाजपा के 300 से अधिक विधायक चुने जाने चाहिए। शाह की इस हुंकार से भाजपा कार्यकर्ताओं में नया जोश आ गया है। एक बार फिर बड़े पैमाने पर भाजपा का सदस्यता अभियान शुरू हो गया है। वैसे भाजपा विश्व की सबसे विशाल राजनैतिक पार्टी का खिताब हासिल कर चुकी है। यूपी में हर बूथ पर भाजपा का मजबूत संगठन कार्यरत है। जनता भी योगी आदित्यनाथ को ही मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है।
मुंशीजी ने एक बार फिर दीपावली पर्व की चर्चा करते हुए कहा- दिवाली को लेकर समाज को कुछ सुधार करने चाहिए। दिवाली को सनातन परंपरा के मुताबिक ही मनाया जाना समाजहित में होगा। इसमें अनायास घुस गई बुराई को पृथक किया जाना चाहिए। दिवाली में जुआ खेलना और खतरनाक पटाखे फोड़ना बन्द होना चाहिए। जमघट में मांस-मदिरा का सेवन करना कतई उचित नहीं है। मिट्टी और तेल के दीयों की जगह चाइनीज झालर से घर और प्रतिष्ठान सजाना भी गलत है। आज की युवा पीढ़ी घर से बलइया निकालने, खेत एवं घूर जगाने में संकोच करता है। उसे यह सब तकियानुसी लगता है। जबकि यह सब आज भी प्रासंगिक है। दीपावली पर्व की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें पूरे देश में व्यक्तिगत सफाई के साथ सामुहिक सफाई हो जाती है।
हमने सबको कोरोना का अपडेट देते हुए बताया कि विश्व में अबतक 24 करोड़ 67 लाख से ज्यादा लोग कोरोना की जद में आ चुके हैं। इनमें तकरीबन 50 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह भारत में अबतक तीन करोड़ 42 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। इनमें चार लाख 57 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई। भारत में कोरोना टीका लगाने का महाअभियान चल रहा है। अबतक तकरीबन 106 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं। देश के करीब 25 प्रतिशत लोगों को टीके की दोनों खुराक दी जा चुकी है। विश्व के कई देशों में एक बार फिर कोरोना बदले स्वरूप में तांडव करने लगा है।
ऐसे में हम लोगों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। हमें मॉस्क और दो गज की दूरी का पालन कड़ाई से करना चाहिए। अंत में चतुरी चाचा ने सबको दीपावली, भैयादूज की बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। हम सबने भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही लेकर फिर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!