अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का पता लगा लिया है। नासा ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि उसके लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर (एलआरओ) ने चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को ढूढ़ लिया है। नासा (NASA) ने इसकी तस्वीर भी ट्वीट की है। सात सितंबर को निर्धारित समय से कुछ पहले लैंडर ने संपर्क खो दिया था। इस मलबे को ढूंढ़ निकालने में चेन्नै के इंजिनियर शणमुगन सुब्रमण्यम ने अहम भूमिका निभाई है। शणमुगन ने इन तस्वीरों पर जमकर मेहनत की और दुर्घटनाग्रस्त हुए चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के मलबे का पता लगा लिया। शानमुगा ने नासा को इसके लिए सूचित किया और कुछ समय में नासा ने इसे पुष्ट कर दिया। नासा ने शानमुगा के इस सहयोगा के लिए उन्हें शुक्रिया कहते हुए उनकी तारीफ की है।
नासा ने अपने लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर द्वारा क्लिक की गई इमेज को भी जारी किया। यह साइट और संबंधित मलबे के क्षेत्र को दिखाता है। नासा ने रात करीब 1:30 बजे विक्रम लैंडर के इम्पैक्ट साइट की तस्वीर जारी की और बताया कि उसके ऑर्बिटर को विक्रम लैंडर के तीन टुकड़े मिले हैं। नासा ने एक बयान में कहा, “शानमुगा द्वारा मुख्य दुर्घटनास्थल के उत्तर-पश्चिम में लगभग 750 मीटर की दूरी पर स्थित मलबे को पहले मोजेक (1.3 मीटर पिक्सल, 84 डिग्री घटना कोण) में एक एकल उज्ज्वल पिक्सेल पहचान थी। नवंबर मोजेक सबसे अच्छा दिखाता है। मलबे के तीन सबसे बड़े टुकड़े 2×2 पिक्सेल के हैं।”
इस तस्वीर में सॉइल इम्पैक्ट भी देखा गया है, तस्वीर साफ तौर पर देखा जा सकता है कि चांद की सतह पर जहां विक्रम लैंडर गिरा वहां सॉइल डिसटर्बेंस (मिट्टी को नुकसान) भी हुआ है।