पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपने ही मुस्लिम विधायकों की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। तृणमूल कांग्रेस के इस्लामपुर विधायक अब्दुल करीम चौधरी लगातार अपने समर्थकों पर हमलों के आरोप लगा रहे हैं। अब उन्होंने साफतौर पर कह दिया है कि अगर ‘अत्याचार’ जारी रहे, तो वह बंगाल विधानसभा में किसी भी बिल पर टीएमसी का समर्थन नहीं करेंगे।
उत्तर दिनाजपुर जिले में पत्रकारों से बातचीत के दौरान चौधरी ने कहा, ‘हमारे कार्यकर्ता लगातार हमारी ही पार्टी के एक वर्ग के निशाने पर आ रहे हैं। उनके अधिकारों का हनन हो रहा है। अगर यह जारी रहा, तो मैं पार्टी के कार्यक्रमों का बहिष्कार करूंगा और विधानसभा में न किसी चर्चा में भाग लूंगा और न किसी बिल का समर्थन करूंगा।’
उन्होंने कहा, ‘आम जनता में मेरे कई समर्थक हैं और अगर पार्टी का एक गुट लगातार उनपर अत्याचार जारी रखेगा, अगर पार्टी के शीर्ष लोगों के दखल के बगैर मारपीट और आगजनी बेरोकटोक जारी रही, तो मुझे राज्यसभा चुनाव में वोटिंग से दूर रहने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।’
खबर है कि पंचायत चुनाव में पसंद के उम्मीदवारों को टिकट नहीं मिलने के बाद से ही विधायक चौधरी नाराज चल रहे हैं। उन्होंने हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में टीएमसी के खिलाफ ही निर्दलीय उम्मीदवार खड़े कर दिए थे। हालांकि, उनके उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा था। तब से वह आऱोप लगा रहे हैं कि टीएमसी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग की तरफ से निर्दलीय उम्मीदवारों को निशाना बनाया जा रहा है।
टीएमसी नेता और इस्लामपुर ब्लॉक के अध्यक्ष जाकिर हुसैन का कहना है कि चौधरी निराधार आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘वह एक बागी नेता हैं। वह निराधार आरोप लगा रहे हैं। चुनाव के दिन हिंसा में शामिल अपने घरों से भाग गए हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। किसी पर भी कोई अत्याचार नहीं किया गया है। केवल दोषियों को अपने गलत कामों का जवाब देना होगा।’
उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ध्यान में यह बात लाने के बाद भी अत्याचारों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। मैं प्रशासन से जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील करूंगा।’