लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह ने आज यहां तेलीबाग स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया, परिकल्प भवन के सभागार में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग (यांत्रिक संवर्ग) के नवप्रोन्नत 67 अधिशासी अभियंताओं को वरिष्ठता के आधार पर पदस्थापन हेतु आयोजित कार्यक्रम में कहा कि विभाग में प्रथम बार समूह ‘क’ के राजपत्रित अधिकारियों का पदस्थापना साफ्टवेयर माध्यम से पूर्ण पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है। मैं सभी नवप्रोन्नत अधिशासी अभियन्ताओं के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ तथा आशा करता हूँ कि आप सभी पूर्ण मनोयोग से अपने राजकीय दायित्वों का निर्वहन करते हुए कृषकों को सिंचाई सुविधा का लाभ पहुंचाने मे लिए प्रयत्नशील रहेगें।
जल शक्ति मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि जिस तरह बॉर्डर पर सेना का जवान होने से देश मजबूत होता है इसी प्रकार खेत में किसान के होने से देश का पेट भरता है। खेत में किसान और सीमा पर जवान का होना गर्व की बात है। किसान हमारे अन्नदाता है। किसानों से हमें परिश्रम, ईमानदारी एवं कर्तव्य बोध की प्रेरणा मिलती है। किसान भी हमारे जवान हैं। परिश्रम की पराकाष्ठा पर जाकर इनकी हर संभव मदद करना हमारा दायित्व है। उन्होंने नवप्रोन्नत अधिशासी अभियंताओं से कहा कि आप विभागीय कार्यों को पूरी ईमानदारी से करें जिससे जनमानस को विभाग की योजनाओं का पूरा लाभ मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग में जो भी दायित्व मिले उसका निर्वाहन पूरी निष्ठा से करें। उन्होंने कहा कि विभागीय कार्यों को समय से और पूरी ईमानदारी से करना ही आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं को लक्ष्य बनाकर ससमय पूर्ण कराएं ताकि जनता को लाभ मिल सके और सरकार की छवि और भी बेहतर बन सके।
उल्लेखनीय है कि जल शक्ति मंत्री के कुशल निर्देशन में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग में यांत्रिक संवर्ग के 67 अधिशासी अभियन्ताओं (प्रथम श्रेणी के राजपत्रित अधिकारी) का पदस्थापना साफ्टवेयर के माध्यम से पूर्ण पारदर्शी एवं निष्पक्ष व्यवस्था अपनाते हुए वरिष्ठता के आधार पर नव प्रोन्नत अधिशासी अभियंताओं द्वारा चुने गए विकल्पों के आधार पर नवीन तैनाती प्रदान की गई।
जल शक्ति मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार सदैव किसानों की हितैषी रही है। सीमान्त एवं लघु कृषकों का विकास सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार कृषकों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है एवं प्रदेश के प्रत्येक कृषक परिवार की आय दोगुनी करने के लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में प्रयत्नशील है।
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई (यांत्रिक) संगठन के अन्तर्गत 34316 राजकीय नलकूपों से लगभग 29 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता एवं 252 लघु डाल नहरों से लगभग 2 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित है। साथ ही 29 वृहद एवं मध्यम पम्प नहरें कार्यशील है, जिनके शीर्ष कार्य यांत्रिक संगठन द्वारा सम्पादित किये जाते है। प्रदेश के विभिन्न नदियों पर स्थित बैराजों, बाँधों एवं रेगुलेटरों पर स्थापित योंत्रिक उपकरणों एवं सयन्त्रों का संचालन एवं अनुरक्षण का कार्य भी यांत्रिक संगठन द्वारा किया जाता है।
श्री सिंह ने कहा कि सिंचाई साधनों में उत्तरोत्तर वृद्धि हेतु भूजल एवं सतही जल सिंचाई परियोजनाओं के सृजन एवं निर्माण हेतु सिंचाई (यांत्रिक) संगठन निरन्तर प्रयासरत है। प्रदेश में राजकीय नलकूपों के निर्माण / आधुनिकीकरण व लघु डाल नहरों के निर्माण की विभिन्न परियोजनाएं वर्तमान में प्रचलित हैं। जिसके द्वारा प्रदेश के विभिन्न जनपदों के सीमान्त एवं लघु कृषकों को सिंचाई हेतु जल की उपलब्धता उनकी सुविधानुसार प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि अधिशासी अभियन्ता (यांत्रिक) का पद अत्यन्त ही महत्वपूर्ण है, जिनके द्वारा राजकीय नलकूपों, लघु डाल नहरों, बैराजों, बाँधों एवं रेगुलेटरों पर स्थापित यांत्रिक उपकरणों एवं सयन्त्रों के संचालन एवं अनुरक्षण कार्य के साथ-साथ अन्य शासकीय कार्यों का सम्पादन किया जाता है।
इस अवसर पर जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद, प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन अनिल गर्ग, प्रमुख अभियंता एवं विभागाध्यक्ष मुस्ताक अहमद, प्रमुख अभियंता यांत्रिक देवेंद्र अग्रवाल, प्रमुख अभियंता परिकल्प एवं नियोजन एनसी उपाध्याय सहित सभी नवप्रोन्नत अधिशासी अभियंता एवं अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।