कर्नाटक में एक 5 साल की बच्ची में जीका वायरस की पुष्टि हुई है। पुणे के लैब से मिली रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। बच्ची के परिजन को एहतियाती उपाय करने की सलाह दी गई है।
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर के सुधाकर ने कहा, “राज्य में यह पहला मामला है और सरकार बहुत सावधानी से स्थिति की निगरानी कर रही है। हमारा विभाग इससे निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।”
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में पुणे के बावधन क्षेत्र में एक 67 वर्षीय व्यक्ति जीका वायरस से संक्रमित पाया गया था। शख्स नासिक का रहने वाला था और 6 नवंबर को पुणे आया था।
16 नवंबर को वह बुखार, खांसी, जोड़ों में दर्द और थकान के साथ जहांगीर अस्पताल आया और 18 नवंबर को एक प्राइवेट लैब में जीका का पता चला। स्वास्थ्य विभाग ने कहा था कि मरीज की हालत ठीक है। उसे कोई परेशानी नहीं है।
महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने कहा, “महाराष्ट्र में जीका वायरस का एक मामला सामने आया। बावधन पुणे शहर में एक 67 वर्षीय व्यक्ति रोगी पाया गया, वह मूल रूप से नासिक का रहने वाला है और 6 नवंबर को पुणे आया था। 22 अक्टूबर को उन्होंने सूरत की यात्रा की थी। 30 नवंबर को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने उनमें जीका वायरस के संक्रमण की पुष्टि की थी।”
क्या है जीका वायरस
बता दें कि भविष्य के प्रकोप को कम करने के लिए पुणे शहर में ज़िका वायरस का एक एंटोमोलॉजिकल सर्वेक्षण किया जा रहा है। जीका वायरस (ZIKV) रोग (ZVD) को ब्राजील में 2016 के प्रकोप के बाद की महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमारियों में से एक माना जाता है।
मुख्य रूप से एडीज मच्छर के वायरस के कारण होता है, जो दिन के दौरान काटता है। इस बीमारी के लक्षणों में हल्का बुखार, चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता या सिरदर्द शामिल है।
1947 में युगांडा में ज़िका वन में इसकी खोज के बाद से अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत द्वीप समूह से ZVD के कई मामलों की सूचना मिली है।