लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के इशारे पर भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार दलित समाज के महापुरूषों के प्रतीकों को ध्वस्त करने का काम कर रही है। दिल्ली के संतरविदास मंदिर का तोड़ा जाना दलितों की आस्था पर बडा हमला है। मा0 उच्चतम न्यायालय में भी भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर उचित पैरवी नहीं की गयी।
अगर मन्दिर का नवनिर्माण सरकार ने नहीं कराया
उक्त आरोप रालोद के प्रदेश सचिव बी.एल. प्रेमी ने कहा कि संतरविदास के प्रति दलित समुदाय की आस्था और विश्वास है मन्दिर तोड़े जाने से दलितों की आस्था पर चोट करने का प्रयास केन्द्र सरकार के इशारे पर भाजपाईयों ने किया है जिसे किसी भी कीमती पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा अगर मन्दिर का नवनिर्माण सरकार ने नहीं कराया तो उसके विरूद्व दलित समुदाय सडकों पर उतरेगा। न्याय न मिलने की स्थिति में दलित समुदाय अन्तराष्ट्रीय न्यायालय में अपील करने पर विचार कर रहा है।