बिजली बिल का भुगतान नहीं करने के कारण सरकारी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी बीएसएनल के करीब ग्यारह सौ मोबाइल टावर और पाँच सौ से ज्यादा एक्सचेंज काम नहीं कर रहे हैं। दूरसंचार विभाग के आँकड़ों के अनुसार, 10 जुलाई 2019 तक बिजली का बिल नहीं चुकाने के कारण देश भर में बीएसएनएल के 524 एक्सचेंज और 1,083 मोबाइल टावर का बिजली का कनेक्शन काट दिया गया है जिससे ये निष्क्रिय पड़े हैं। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 391 टावरों का और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 178 एक्सचेंजों का बिजली कनेक्शन कट चुका है।
एक बार मोबाइल टावर या टेलीफोन एक्सचेंज निष्क्रिय होने से उस इलाके में कंपनी की सेवाएँ ठप हो जाती हैं और ग्राहक दूसरी दूरसंचार कंपनियों की सेवाएं लेने को विवश हो जाते हैं। बिजली बिल नहीं चुकाने के कारण कर्नाटक में 156, उत्तर प्रदेश में 132, पश्चिम बंगाल में 20 और तेलंगाना तथा हरियाणा में 13-13 टेलीफोन एक्सचेंज बेकार पड़े हैं।
उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 208 मोबाइल टावर, कर्नाटक में 120, तमिलनाडु में 111, तेलंगाना में 76, पश्चिम बंगाल में 50, मणिपुर में 36, जम्मू-कश्मीर में 19, गुजरात में 17, बिहार में 14 और असम तथा आँध्र प्रदेश में 11-11 टावर का कनेक्शन बिजली विभाग ने काट दिया है। इसके बावजूद पिछले दो वित्त वर्ष के दौरान बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी बढ़ी है। उसकी बाजार हिस्सेदारी 31 मार्च 2017 को 9.63 प्रतिशत थी जो 31 मार्च 2018 को बढ़कर 10.26 प्रतिशत और 31 मार्च 2019 को 10.72 प्रतिशत हो गई। वहीं मुंबई और दिल्ली में सहयोगी कंपनी एमटीएनएल की बाजार हिस्सेदारी घट रही है। यह 31 मार्च 2017 के 7.37 प्रतिशत से घटते हुये 31 मार्च 2018 को 7.16 प्रतिशत और 31 मार्च 2019 को 6.95 प्रतिशत पर आ गयी। एमटीएनएल सिर्फ मुंबई और दिल्ली में सेवाएँ देती है।