लखनऊ। सनातन धर्म में रुद्राक्ष का बड़ा ही विशेष महत्व हैं। स्वयं भगवान भोलेनाथ का स्वरूप कहे जाने वाला रुद्राक्ष दैवीय गुणों से भरपूर होकर अत्यंत लाभदायक होता हैं। पृथ्वी पर अनेक रुद्राक्ष पाये जाते हैं जिनका अपना अलग-अलग महत्व होता हैं। इन्ही रुद्राक्षों में एक रुद्राक्ष 7 मुखी होता हैं। जिसकी एक अलग ही विशेषता हैं। अगर व्यक्ति के भाग्य में धन की देवी लक्ष्मी रूठी हुई हो तो जरूर ही इस रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए। 7 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का विशेष समय श्रावण माह में रहता हैं। आज हम आपको 7 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि एवं इसके फायदे बताएंगे।
सात मुखी रुद्राक्ष को
अगर आपके जीवन में धन की कमी आ रही हैं एवं धन की देवी लक्ष्मी रूठी हुई हो तो अवश्य ही सात मुखी रुद्राक्ष को धारण करें। ज्योतिषाचार्यो की मानें तो धन की कमी, नौकरी एवं व्यवसाय में तरक्की नहीं मिल रही है तो जरूर ही इस 7 मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए। 7 मुखी रुद्राक्ष के धारण करने से धन की देवी लक्ष्मी की कृपा बरसने लगती हैं। इस रुद्राक्ष को धारण करने के बाद भगवान शनिदेव की भी विशेष कृपा बनी रहती हैं। 7 मुखी रुद्राक्ष को अपने घर में पूजा स्थल में स्थापित भी कर सकते हैं।
रुद्राक्ष में स्वयं भगवान भोलेनाथ का वास रहता हैं। इसलिए शुद्ध और असली रुद्राक्ष ऐश्वर्यशाली बनाता हैं। ज्योतिषाचार्यो की माने तो सात मुख वाले रुद्राक्ष को धारण करने के बाद सप्त ऋषियों का सदैव आशीर्वाद बना रहता हैं। यह रुद्राक्ष धन-सम्पति, कीर्ति तथा विजयश्री प्रदान करने वाला होता हैं। भगवान शिव का स्वरूप कहें जाने वाले 7 मुखी रुद्राक्ष के धारण करने से धनागमन बना रहता हैं।
श्रावण माह भगवान भोलेनाथ की भक्ति से शक्ति का वरदान प्राप्त करने वाला होता हैं। और भगवान भोलेनाथ का स्वरूप कहें जाने वाले 7 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने का सबसे खास माह श्रावण ही रहता हैं। इसलिए श्रावण माह में विधि पूर्वक इस रुद्राक्ष को धारण कर लेवे। ज्योतिषाचार्यो की माने तो यह 7 मुख वाला रुद्राक्ष शक्तिशाली नागों का भी प्रिय हैं। इसलिए इसे धारण करने से सांप का खतरा भी दूर हो जाता हैं। यह रूद्राक्ष एक तरह से रक्षा कवच का भी कार्य करता हैं।