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संत रविदास के अनुयायियों पर पुलिस बल का प्रयोग अनुचित : अखिलेश

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दिल्ली के तुगलकाबाद में संत रविदास मंदिर को तोड़े जाने की घटना की निंदा करते हुए कहा कि समाज के एक बड़े वर्ग की भावना को ठेस पहुंचाने का काम किया गया है। 16वीं शताब्दी के महान संत रविदास जी की स्मृति धरोहर के रूप में बने इस मंदिर से उनके अनुयायियों की श्रद्धा जुड़ी थी। इससे भाजपा सरकार के संत विरोधी चेहरा उजागर हुआ है।

अखिलेश

उन्होंने कहा कि भारतीय समाज में गुरूओं, संत-महात्माओं का सदैव आदर रहा है। उनके तमाम अनुयायियों के लिए उनका जीवन दर्शन हमेशा प्रासंगिक और अनुकरणीय रहा है। उनके विचारों से प्रेरणा लेने वाले भी कम नहीं। संतो-गुरूओं की स्मृति को चिरजीवी रखने तथा उनके माध्यम से समाज को प्रेरणा देने के लिए मंदिरों का निर्माण सदियों से होता रहा है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि तुगलकाबाद में संत रविदास मंदिर तोड़े जाने से क्षुब्ध अनुयायियों पर पुलिस बल का प्रयोग अनुचित और निंदनीय है। उनके साथ अन्याय नहीं हों, इसके लिए सभी सत्याग्रहियों को तत्काल रिहा किया जाए एवं उन पर दर्ज मुकदमें वापस हों। सरकार को जनभावना का आदर करना चाहिए। दलित समाज के श्रद्धा स्थलों के प्रति दुर्भावनापूर्ण व्यवहार नहीं होना चाहिए। फिर संत रविदास तो समाज के सभी वर्गों में सम्मानित हैं। उनके पूजा स्थल से खिलवाड़ सभ्य समाज में कैसे हो सकता है।

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