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केंद्र सरकार का इसरो को झटका, चंद्रयान-2 से पहले काटा वैज्ञानिकों का वेतन

नई दिल्ली। भारत का बहुप्रतीक्षित व बहुचर्चित वैज्ञानिक मिशन चंद्रयान-2 के बीच इसरो के वैज्ञानिकों के लिए एक बुरी खबर सामने आयी है, जिसमें केंद्र सरकार ने यहां के वैज्ञानिकों के प्रोत्साहन अनुदान राशि में कटौती की है। दरअसल, केंद्र सरकार ने आदेश दिया है कि इसरो वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को साल 1996 से दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि के रूप में मिल रही प्रोत्साहन अनुदान राशि को बंद किया जाए। इस आदेस के बाद इसरो के वैज्ञानिक काफी नाराज चल रहे हैं और बताया जा रहा है कि ये आदेश जून 2019 से लागू हो गया है। जिके बाद डी, ई, एफ और जी श्रेणी के वैज्ञानिकों को यह प्रोत्साहन राशि अब नहीं मिलेगी।

इसरो में करीब 16 हजार वैज्ञानिक और इंजीनियर हैं, लेकिन इस सरकारी आदेश से इसरो के करीब 85 से 90 फीसदी वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की तनख्वाह में 8 से 10 हजार रुपए का नुकसान होगा, क्योंकि, ज्यादातर वैज्ञानिक इन्हीं श्रेणियों में आते हैं। जिसे लेकर इसरो वैज्ञानिक नाराज हैं।

उल्लेखनीय है कि कि वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने, इसरो की ओर उनका झुकाव बढ़ाने और संस्थान छोड़कर नहीं जाने के लिए वर्ष 1996 में यह प्रोत्साहन राशि शुरू की गई थी। केंद्र सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वित्त मंत्रालय और व्यय विभाग ने अंतरिक्ष विभाग को सलाह दी है कि वह इस प्रोत्साहन राशि को बंद करे। इसकी जगह अब सिर्फ परफॉर्मेंस रिलेटेड इंसेंटिव स्कीम लागू की गई है।

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