उत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में आसमान से आफत बरसने लगी है। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, असम समेत कई राज्यों में हालात बहुत खराब हो गए हैं। असम के 33 जिलों में से 17 जिले बाढ़ का दंश झेल रहे हैं। इन जिलों के 4.23 लाख लोग विस्थापित हो गए हैं। दिल्ली को अभी भी बारिश का इंतजार है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि ब्रह्मपुत्र नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण 17 जिलों में बाढ़ आ गई है। इसके कारण 4,23,386 लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
बाढ़ के कारण 16,730.72 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गए हैं। नदी के कटाव के कारण 19 गांवों पर अस्तित्व बचाने का खतरा मंडरा गया है। 64 से अधिक सड़कें और एक दर्जन पुल पानी में डूब गए हैं।
असम की राजधानी ईटानगर में लगातार बारिश की वजह के कारण भूस्खलन में बुधवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अधिकारी ने कहा कि गोर्चुक इलाके में एक व्यक्ति नारायण शाह की मौत उस समय हो गई जब आसपास की पहाड़ी से मलबा व पत्थर उनके घर पर आ गिरा। एएसडीएमए ने पहले ही शहर के अंदर और आसपास के पहाड़ी क्षेत्र के निवासियों को अपने घरों को खाली करने की चेतावनी और नोटिस जारी किया था।
दिल्ली में बारिश नहीं हो रही है और इसकी वजह से लोग गर्मी से बेहाल हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले सप्ताह भी दिल्ली में अच्छी बारिश की संभावना नहीं है। दिल्ली में मानसून के दस्तक देने की तिथि 29 जून मानी जाती है, लेकिन इस बार लगभग पांच दिन की देरी से चार जुलाई को हल्की-फुल्की बारिश के बाद मानसून के आने की घोषणा तो की गई। दिल्ली में अभी तक अच्छी बारिश नहीं हुई है।