‘नेचर डिजिटल मेडिसिन’ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन ऐसा पहला अध्ययन है जिसमें माइग्रेन के उपचार के लिए एक एेप के प्रभाव का मूल्यांकन किया गया है. एनवाईयू में सहायक प्रोफेसर मिआ मिनन ने कहा, ”हमारा अध्ययन साबित करता है कि अगर मरीजों के पास थैरेपी सरलता से उपलब्ध हो तो वे अपने हिसाब से इसका प्रयोग कर सकते हैं व यह सस्ता है.”
आपको बता दें माइग्रेन के मरीजों के लिए रिबोफ्लेविन नमक पोषक तत्व बहुत ज्यादा अच्छा माना जाता है. शोधकर्ताओं के अनुसार, रिबोफ्लेविन या विटामिन बी2 से भरपूर चीजें खाने से आपको माइग्रेन को कम करने में मदद मिल सकती है. इसके अतिरिक्त ये सेल्स को बेकार होने से बचाने में मददगार है. स्त्रियों को प्रतिदिन अपनी डाइट में करीब 1.1 मिलीग्राम जबकि पुरुषों को 1.2 मिलीग्राम रिबोफ्लेविन शामिल करना चाहिए. इसके लिए आप अपनी डाइट में इन चीजों को शामिल करना चाहिए. दूध, दही, सैलमन फिश, मशरूम, पालक व बादाम.
माइग्रेन से बचने के उपाय -योग, एक्यूप्रेशर व नियमित व्यायाम से माइग्रेन के भ्रमण को घटाने में मदद मिलती है. – माइग्रेन से बचने के लिए सिरदर्द उत्पन्न करने वाले कारणों से बचना चाहिए, जैसे ऊंची आवाज में गाने सुनना, तनावग्रस्त रहना. – दर्द निवारक दवाओं का कम से कम प्रयोग करें. – समय पर सोना और जगना चाहिए. – बेहद देर तक भूखे ना रहें.