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अयोध्या केस : सुलह की कोशिशें नाकाम, 6 अगस्त से हर रोज होगी सुनवाई

अयोध्या मामले में मध्यस्थता की कोशिशें नाकाम हो गई हैं और अब 6 अगस्त से खुली अदालत में रोजाना मामले की सुनवाई होगी।  सोमवार और शुक्रवार को छोड़कर मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को इस मामले में लगातार सुनवाई होगी। आज कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता कमेटी कामयाब नहीं हो पाई। मंदिर विवाद पर हिंदू और मुस्लिम पक्षों के बीच आम सहमति बनाने के लिए अयोध्या मध्यस्थता पैनल को 31 जुलाई तक का समय दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई तब तक चलेगी, जब तक कोई नतीजा नहीं निकल जाता है। गुरुवार को मध्यस्थता समिति ने सुप्रीम कोर्ट में सीलबंद लिफाफे में फाइनल रिपोर्ट पेश की थी। सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कहा था कि अगर आपसी सहमति से कोई हल नहीं निकलता है तो रोजाना सुनवाई होगी। यह फैसला चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने किया। इस बेंच में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एसए नजीर शामिल हैं।

अब एक उम्मीद ये भी है कि इसी साल 17 नवंबर से पहले अयोध्या मामले पर फैसला आ सकता है क्योंकि संवैधानिक बेंच के प्रमुख यानि सीजेआई रिटायर हो रहे हैं, इसलिए उनकी रिटायरमेंट से पहले इस पर फैसला आ सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने 8 मार्च को पूर्व जज जस्टिस एफएम कलीफुल्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यों की समिति गठित की थी। कोर्ट का कहना था कि समिति आपसी समझौते से सर्वमान्य हल निकालने की कोशिश करे। इस समिति में आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पांचू शामिल थे। समिति ने बंद कमरे में संबंधित पक्षों से बात की लेकिन हिंदू पक्षकार गोपाल सिंह विशारद ने सुप्रीम कोर्ट के सामने निराशा व्यक्त करते हुए लगातार सुनवाई की गुहार लगाई।

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