भारत ने ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी पर चिंता जाहिर की है। ईरान द्वारा अमेरिकी ड्रोन को मार गिराए जाने से जुड़े घटनाक्रमों के कारण ऑयल की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। इसके चलते हिंदुस्तान ने ओपेक के मुख्य मेम्बर देश सऊदी अरब को ऑयल की कीमतों को काबू में रखने के लिए सक्रिय किरदार निभाने के लिए बोला है। ब्रेंट कच्चे ऑयल की मूल्य में गुरुवार को 5 फीसदी का उछाल पंजीकृत किया गया था, जो जनवरी के बाद से सर्वाधिक है।65 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंचे दाम
ब्रेंट कच्चे ऑयल की मूल्य वैसे 65 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर है। बताते चलें कि होर्मुज जलडमरू मध्य पर ईरानी बलों द्वारा अमेरिकी नौसेना के एक ड्रोन को गिराए जाने के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान के विरूद्ध कड़ा रुख अख्तियार करने के बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सऊदी के पेट्रोलियम मंत्री खालिद अल फलीह से दशा पर चर्चा भी की।
कीमतों में उतार-चढ़ाव को लेकर वार्ता हुई
प्रधान ने ट्वीट किया, ‘होर्मुज जलडमरू मध्य की घटना चिंता की बात है जिससे जिससे ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। ‘ उन्होंने ऑयल की कीमतों में उतार-चढ़ाव को लेकर भारतीय ग्राहकों की संवेदनशीलता का जिक्र किया। उन्होंने लिखा, ‘सऊदी अरब के ऊर्जा, उद्योग व खनिज संसाधन मंत्री खालिद अल फलीह से फोन पर बात हुई। हिंदुस्तान व सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी को व मजबूत बनाने के लिए हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में योगदान को व बढ़ाने पर चर्चा हुई। ‘
भारत अपनी पेट्रोलियम जरूरतों के लिए बहुत हद तक आयात पर निर्भर है व क्रूड की कीमतों में बढ़ोतरी आर्थिक चुनौतियों को बढ़ा सकती है। जून की आरंभ में अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे ऑयल की कीमतें सीमित दायरे में रही। इस कारण हिंदुस्तान में भी कीमतों में कमी का रुख देखने को मिला, हालांकि अब कीमतों पर फिर दबाव बढ़ रहा है।