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कर्नाटक मामले में फैसला सुरक्षित, सुप्रीम कोर्ट कल साढ़े दस बजे सुनाएगा फैसला

सुप्रीम कोर्ट में आज कर्नाटक के 15 बागी विधायकों की याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कल सुबह 10.30 बजे तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित कर लिया। सुनवाई के दौरान विधायकों की दलील थी कि उन्हें इस्तीफा देने का मौलिक अधिकार है इसे नहीं रोका जा सकता। संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक इस्तीफा तुरंत स्वीकार करना होगा। जबतक इसपर फैसला नहीं होता तक तक उन्हें सदन में पेशी से छूट दिया जाय। वहीं स्पीकर की दलील थी कि अयोग्यता और इस्तीफा पर फैसला का अधिकार स्पीकर का है। जबतक स्पीकर अपना फैसला नहीं दे देता तब तक सुप्रीम कोर्ट उसमें दखल नहीं दे सकता। सुनवाई के दौरान कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष रमेश कुमार की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से यथास्थिति बदलने की मांग की। अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से अपना पुराना आदेश वापस लेने की अपील की ताकि वो कल यानी बुधवार तक इस्तीफा देने वाले विधायकों के बारे में फैसला ले सकें। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस दौरान कहा कि अगर आप इस्तीफे पर फैसला कर सकते हैं, तो करिए। CJI ने कहा कि जब हमने पिछले साल 24 घंटे में फ्लोर टेस्ट करने का आदेश दिया तो आपने आपत्ति नहीं जताई थी, क्योंकि वो आपके हक में था। आपको बात दें कि पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को 16 जुलाई तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।

वहीं बागी विधायकों की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने स्पीकर की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बागी विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। वे विधानसभा नहीं जाना चाहते हैं और जनता के बीच जाना चाहते हैं। लेकिन उसका इस्तीफा स्वीकार न कर जबर्दस्ती की जा रही है। बागी विधायकों ने कहा कि वह इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन स्पीकर उसे जानबूझकर स्वीकार नहीं कर रहे हैं। मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोर्ट स्पीकर को नहीं कह सकती है कि वह विधायकों के इस्तीफे या उन्हें अयोग्य ठहराने की कार्रवाई कैसे करें। हम इस प्रकिया को बाधित नहीं कर सकते हैं। इसके बाद स्पीकर के वकील की दलीलों पर कोर्ट ने कहा- आप हमें संवैधानिक दायित्व याद दिला रहे हैं, पर खुद विधायकों के इस्तीफे पर फैसला नहीं ले रहे हैं।

आपको बता दें कि राज्‍य के अब तक कुल 15 विधायक याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट से उनके इस्‍तीफे को स्‍वीकार करने की मांग कर रहे हैं। इनमें प्रताप गौडा पाटिल, रमेश जारकिहोली, बी बसवाराज, बी सी पाटिल, एस टी सोमशेखर, ए शिवराम हब्बर, महेश कुमाथल्ली, के गोपालैया, ए एच विश्वनाथ और नारायण गौडा शामिल हैं। इन विधायकों के इस्तीफे की वजह से कर्नाटक में एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के सामने विधानसभा में बहुमत गंवाने का संकट पैदा हो गया था। ये बागी विधायक मुंबई के एक होटल में रुके हुए हैं। इस बीच कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया ने सोमवार को ऐलान किया कि 18 जुलाई को विधानसभा में विश्‍वासमत पर चर्चा होगी। सिद्धारमैया ने बताया कि सीएम एचडी कुमारस्‍वामी ने विधानसभा के अंदर विश्‍वास प्रस्‍ताव रखा और 18 जुलाई को इस पर चर्चा होगी।

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