प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर सेतुबंधासन का वीडियो शेयर किया. सेतुबंधासन डिप्रेशन व बेचैनी दूर करने के साथ पाचनक्रिया को बेहतर बनाता है.वीडियो की यह सीरिज 21 जून को मनाए जाने वाले अंतराष्ट्रीय योग दिवस का भाग है. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी प्रतिदिन सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर रहे हैं व लोगों से योग करने की अपील कर रहे हैं.
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- सेतुबंध का अर्थ होता है पुल बनाना. इस आसन मेंशरीर की स्थिति एक पुल की तरह होती है. इस आसन को चतुष्पादासन भी कहते हैं.
- इसे करने के लिए सबसे पहले आप पैरों के बीच आरामदायक अंतर बना लें व पीठ के बल लेट जाएं.
- दोनों हथेलियों को इस प्रकार जमीन पर रखें कि उनका मुख आसमान की ओर हो. इस आसन को शवासन बोला जाता है.
- अब पैरों को जोड़ें व फिर उन्हें मोड़ कर कूल्हों के पास ले आएं फिर अपने दोनों टखनों यानी एंकल्स को हाथों की मदद से मजबूती से पकड़ लें.
- अब धीरे-धीरे सांसलेते हुए अपने कूल्हों को जितना हो सके ऊपर उठाएंजिससे आपका शरीर सेतुयानिपुल का आकर ले सके.
- सुनिश्चित करें कि आपका सिर व कंधे जमीन पर हों व आपके घुटने व पैर एक ही सीध में हों.
- इस अंतिम मुद्रा में अगर आप चाहें तो अपनी कमर को हाथों से सहारा दे सकते हैं.
- इस स्थिति में समान्य रूप से सांस लें व छोड़ें.10-30 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें.
- 10-30 सेकंड तक इस आसन में रहने के बाद सांस छोड़ते हुए अपने कूल्हों को धीरे-धीरे जमीन पर लाएं व अपने टखनों को जोड़तेहुए पुनः शवासन की मुद्रा में आज जाएंऔर विश्राम करें.
- मांसपेशियां होंगी मजबूत:यह आसन पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है.
- पाचन क्रिया में सुधार लाता है:यह आपके पेट के अंदरूनी अंगों में खिंचाव लाकर पाचन क्रिया सुधारता है व कब्ज से मुक्ति दिलाता है.
- हृदय के लिए फायदेमंद:सेतुबंधासन दिल की कार्यप्रणाली में सुधार लाता है.
- बेचैनी व डिप्रेशन से मिलेगी राहत:नियमित रूप से सेतुबंधासन करने से डिप्रेशन व बेचैनी से मुक्ति मिलती है.
- अगर आपको अल्सरया हर्निया जैसी बीमारी है तो यह आसन न करें.
- गर्भवती स्त्रियों को यह सरल सावधानीपूर्वक व योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही करना चाहिए.
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