खाना बेकार है या नहीं, यह जानने के लिए आपको उसे सूंघने की आवश्यकता नहीं है. अब यह कार्य एक सेंसर करेगा, जो आपके स्मार्ट फोन से जुड़ा होगा. यह सेंसर ईको फ्रेंडली होने के साथ ही सस्ता भी है. इससे पैकेज्ड फूड आइटमकी बर्बादी को बचाया जा सकेगा.
ब्रिटेन में तीन में से एक ग्राहक खाने के पैकेट को सिर्फ इसलिए फेंक देता है, क्योंकि उसके उपभोग की अंतिम तिथि (एक्सपायरी डेट)करीब होती है. इसमें से 42 लाख टन भोजन ऐसा होता है, जिसे खाया जा सकता था. लंदन के इम्पीरियल कॉलेज द्वारा तैयार यह सेंसर खाने को बेकार करने वाली अमोनिया व ट्राइमिथायलामाइन का पता लगाकर पैकेज्ड भोजन की गुणवत्ता के बारे में बता सकता है. इस सेंसर को ‘पेपर आधारित इलेक्ट्रिकल गैस सेंसर’ (पीईजीएस) बोला जाता है.
सेंसर की मूल्य डेढ़ रुपए
इस सेंसर की मूल्य भी सिर्फ दो सेंट (करीब डेढ़ रुपए) है. इस सेंसर के डाटा को स्मार्ट फोन से पढ़ा जा सकता है. लोगों को सिर्फ अपना फोन सेंसर के ऊपर लाना होगा व उन्हें पता लग जाएगा कि संबंधित भोजन खाने लायक है या नहीं. शोधकर्ताओं ने कार्बन इलेक्ट्रोड को सेलुलोज पेपर में प्रिंट करके इसे तैयार किया है. यह पूरी तरह ईको फ्रेंडली है व पूरी तरह जहर मुक्त है, इसलिए खाने के पैकेट के ऊपर इसे लगाना भी सुरक्षित है.
यह सेंसर ज्यादा सटीक व तेज
- प्रयोगशाला मेंजब इस सेंसर को प्रयोग किया गया तो इसने खाने को बेकार करने वाली गैसों को बहुत तेजी से पहचान लिया. यह सेंसर मार्केट में उपस्थित ऐसे सेंसरों की तुलना में न केवल अधिक सटीक और तेज है, बल्कि मूल्य के मुद्दे में उनसे बहुत ही सस्ता है. एसीएस सेंसर्स जर्नल में प्रकाशित शोध में रिसर्चर्स का बोलना है कि इस सेंसर के आने से पैकेज्ड भोजन पर यूज बाय डेट की स्थान इसे ही लगाया जा सकता है. यह ज्यादा सटीक व विश्वसनीय होगा. इससे ग्राहकों को भी खाना सस्ती दर पर मिल सकेगा.
- इस शोध के हेड डाक्टर फिरात गुडेर का बोलना है कि यह एकमात्र सेंसर है, जिसका व्यावसायिक स्तर पर प्रयोग संभव है. लोग यूज बाय डेट को विश्वसनीय भी नहीं मानते थे व वह संभवत: सटीक उपाय भी नहीं है. सस्ते होने की वजह से इनका प्रयोग संबंधित चीज की मूल्य पर भी बहुत प्रभाव नहीं डालेगा.