मशहूर फिल्ममेकर मधुर भंडारकर ने अपनी फिल्मों के जरिए समाज की उन सच्चाइयों को दर्शाया है, जिस पर कम लोगों की ही नजर पड़ती है. वे बारीक से बारीक दृष्टिकोण पर खूबसूरत फिल्में बनाने के लिए जाने जाते रहे हैं. इसके लिए उन्होंने नेशनल अवॉर्ड तक जीते हैं. उन्होंने पेज 3, चांदनी बार, कॉर्पोरेट, हीरोइन और फैशन जैसी फिल्में बनाई हैं. मधुर का जन्म 26 अगस्त 1968 को मुंबई (महाराष्ट्र) में हुआ था. उनके जन्मदिन पर बता रहे हैं डायरेक्टर के संघर्ष से सफलता तक पहुंचने की कहानी. महज 16 साल की उम्र में मधुर भंडारकर मुंबई के खार इलाके में एक वीडियो कैसेट लाइब्रेरी चलाया करते थे और वे अपनी साइकिल से घर-घर वीडियो कैसेट की डिलीवरी करते थे. इसकी वजह से मधुर को फिल्मों का ज्यादा ज्ञान हुआ और उन्होंने फिल्म के बारे में ऐसे ही पढ़ाई की.
खुद की फिल्म बनाने से पहले मधुर ने अशोक गायकवाड़ और रामगोपाल वर्मा जैसे डायरेक्टर्स को असिस्ट भी किया है. साल 1999 में मधुर ने अपनी पहली फिल्म ‘त्रिशक्ति’ को डायरेक्ट किया था, जिसे ठीक ठाक रिस्पॉन्स मिला था. मधुर की 2001 में आई फिल्म ‘चांदनी बार’ ने दर्शकों की आंखें खोलने का काम किया था और तब्बू की बेहतरीन एक्टिंग के साथ-साथ मधुर के काम को सराहा गया और इस फिल्म के लिए मधुर को अपना पहला नेशनल अवॉर्ड मिला. मधुर ने रामगोपाल की 2005 में रिलीज फिल्म ‘रंगीला’ में जूनियर आर्टिस्ट की एक छोटी भूमिका भी निभाई थी.
मधुर भंडारकर ने 30 जनवरी 2008 को अपनी फिल्म ‘फैशन’ का सबसे कॉन्ट्रोवर्शियल सीन शूट किया जब रैंप पर कंगना का वार्डरोब गिर जाता है. मुंबई के महबूब स्टूडियो में मधुर ने काफी कम लोगों के साथ इस सीन को शूट किया था और कंगना ने भी बिना किसी झिझक के अपना शॉट खुद ही दिया था. फिल्म ‘फैशन’ के लिए यूटीवी और मधुर ने सेट पर मोबाइल फोन के प्रयोग को मना कर दिया था क्योंकि फिल्म में काम कर रही मॉडल्स को इस बात का डर था की कहीं उनकी तस्वीर कोई लीक ना कर दे, इस लिए मेकर्स ने इन बातों का विशेष ख्याल रखा. पिछले कुछ समय में उन्होंने कम फिल्में ही बनाई हैं. साल 2015 में उनकी फिल्म कैलेंडर गर्ल्स रिलीज हुई थी. साल 2017 में उन्होंने इंदू सरकार नाम से फिल्म बनाई थी. फिल्म विवादों में भी रही थी. साल 2016 में फिल्मों में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया.